वर्षा जल को सहेज रहा छपिया रजई गांव का तालाब
जल संचयन के साथ ही बेजुबानों की प्यास बुझा रहा तालाबबारिश की बूंदों को सहेज कर सुधार सकते हैं कल
जागरण संवाददाता हर्रैया, बस्ती : गर्मी में तालाब सूख रहे हैं और पशु-पक्षी समेत आमजन भी बेहाल हैं। पारा बढ़ने के साथ ही भूगर्भ जलस्तर कम होता जा रहा है। आम लोग तो किसी तरह से पानी की व्यवस्था कर ले रहे हैं, मगर पशु-पक्षियों के लिए पानी की व्यवस्था नहीं हो पा रही है। ऐसे में कुछ लोग तालाब में वर्षा जल संचयन कर भूजल की स्थिति सुधारने के साथ ही पशु-पक्षियों प्यास भी बुझाने में मददगार बन रहे हैं।
हर्रैया विकास क्षेत्र के भरगवां ग्राम पंचायत के राजस्व गांव छपिया रजई के दक्षिण तरफ स्थित तालाब जल संचयन के सपनों को साकार कर रहा है। पूर्व ग्राम प्रधान रामसुरेश तिवारी ने तीन साल पहले मनरेगा के तहत इस तालाब का जीर्णोद्धार कराया था। तालाब के चारों तरफ भीट बनाई गई, ताकि अधिक जल संचय हो सके। ग्रामीणों के सहयोग से इस तालाब में हमेशा पानी भरा रहता है। तपती धूप में बेजुबान तालाब के जल से अपनी प्यास बुझा रहे हैं। गर्मी के समय जब गांवों में तालाब सूख जाते हैं उस समय पानी से भरा यह तालाब लोगों को जल संरक्षण का संदेश दे रहा है।
पूर्व प्रधान ने कहा कि कल को सुरक्षित रखने के लिए जल का संरक्षण और संचयन दोनों जरूरी है। पानी की हर बूंद महत्वूपर्ण है। इसे सहेजने की मुहिम में हर किसी की सहभागिता जरूरी है। समाज में कुछ लोग जल संचयन के लिए आगे बढ़ रहे हैं, मगर अभी भी जल संचयन के लिए प्रभावी कदम उठाने की जरूरत है। जल संचयन करने वाले लोगों का मनोबल बढ़ाने की जरूरत है। बारिश की एक एक बूंद को सहेज कर हम अपना कल सुधार सकते हैं। उन्होंने युवाओं का आह्वान करते हुए कहा कि युवा चाहें तो जल संचयन की मुहिम एक सकारात्मक आंदोलन का रूप ले सकती है।