पानी बचाएं तब होगा सुरक्षित जीवन

वैश्विक स्तर पर पानी का संकट मिलकर जीते जंग

By JagranEdited By: Publish:Wed, 13 Nov 2019 11:26 PM (IST) Updated:Wed, 13 Nov 2019 11:26 PM (IST)
पानी बचाएं तब होगा सुरक्षित जीवन
पानी बचाएं तब होगा सुरक्षित जीवन

बस्ती: जल ही जीवन है। जल ही कल है। पानी के बगैर जीवन संभव नहीं है। इस सच्चाई से हम अवगत हैं, लेकिन भूलने की आदत है। वर्तमान में पानी का संकट वैश्विक स्तर पर है। अपने देश के महानगरों समेत दुनिया के कई शहरों में बूंद-बूंद पानी के लिए किल्लत है। लोग नौकरी से पहले पानी के इंतजाम में जुटे रहते हैं। अब तो प्रति व्यक्ति पानी खर्च का पैमाना भी तय होने लगा है। दुनिया के कई बड़े शहरों में यह लागू हो चुका है। इस स्थिति से निपटने के लिए जन-जन को आगे आना होगा।

यह बातें इंडियन पब्लिक स्कूल बसिया-हरदिया के प्रबंधक कैलाश नाथ दुबे ने बुधवार को विद्यालय में दैनिक जागरण की ओर से संस्कारशाला में कही। बच्चों के बीच जल संरक्षण को लेकर खुलकर चर्चा हुई। कक्षा छह से दस तक के विद्यार्थियों को जल संचयन के प्रति जागरूक किया गया। कहा, हम अपने घरों से लेकर पास पड़ोस तक जल बचाने की मुहिम छेड़ सकते हैं। यह आगे चलकर जनअभियान बन जाएगा। उप प्रधानाचार्य रत्नेश मिश्र ने कहा, यह दुर्भाग्य है कि हम पानी का संचय नहीं कर पा रहे हैं। हमारी समृद्धि नदियों, सरोवरों और पेड़-पौधों से हैं। लेकिन प्रकृति के इन अवयवों से हम दूर होते जा रहे हैं। जलवायु बुरी तरह प्रभावित हो गया है। नदियों और पोखरों में गंदगी फेंकी जा रही है। अतिक्रमण कर उनका आकार कम किया जा रहा है। हरे वृक्षों की कटान तेजी हो रही है। जंगल भूभाग कम होते जा रहे हैं। जिससे जलस्तर भी खिसक रहा है। पानी का संकट चौतरफा बढ़ रहा हैं। नई पीढ़ी का सचेत होना सबसे जरूरी है। यदि ऐसा नहीं हुआ तो आगे चलकर और मुसीबत बढ़ेगी। छात्र समर्थ शुक्ल ने कहा, घरों में पानी का दुरुपयोग किया जाता है। आवश्यकता से अधिक पानी खर्च किया जा रहा है। हम पानी को अमूल्य समझकर इस्तेमाल करें तो काफी हद तक समस्या से निजात मिलेगा। छात्रा कात्यायनी दुबे ने कहा, जलाशयों के संरक्षण के बगैर पानी को सुरक्षित कर पाना कठिन है। नदियों और सरोवरों को कतई प्रदूषित न होने दिया जाए। जलस्त्रोतों में वृद्धि हो। बारिश के पानी का संचय करें। हार्वेस्टिग प्रणाली हर घरों में अपनाई जाए। छात्र निशांत उपाध्याय ने भी अपना पक्ष रखा।

इस मौके पर शिक्षक मदन मोहन मिश्र, वैशाली सिंह, प्रतिमा दुबे, प्रेम श्रीवास्तव, विजय बहादुर तिवारी, हेमंत त्रिपाठी, आरएनडी दुबे मौजूद रहे।

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