सरयू का घटा जलस्तर, कटान से मची तबाही
नदी का जलस्तर घटने से कटान तेजी के साथ हो रहा है। देखते ही देखते कृषि योग्य भूमि नदी की धारा में विलीन हो जा रही है। कटान होने से दर्जन भर गांवों में दहशत का माहौल है।
बस्ती : सरयू नदी का उतार चढ़ाव जारी है। एक दिन पहले खतरे के निशान से ऊपर बह रही नदी का जलस्तर बुधवार को घट गया। केंद्रीय जल आयोग की रिपोर्ट के अनुसार अयोध्या में खतरा बिदु से 1 सेंटीमीटर नीचे 92.71 मीटर पर जलस्तर दर्ज हुआ है। इधर तटवर्ती इलाके में कटान बढ़ने से नागरिक दहशत में है।
नदी का जलस्तर घटने से कटान तेजी के साथ हो रहा है। देखते ही देखते कृषि योग्य भूमि नदी की धारा में विलीन हो जा रही है। कटान होने से दर्जन भर गांवों में दहशत का माहौल है। विक्रमजोत ब्लाक के तटबंधविहीन गांव बाघानाला, कल्यानपुर व भरथापुर में कटान शुरू हो गई है। यहां के नागरिक परेशान है। इनका नींद-चैन गायब है। अचानक नदी कहीं तबाही न मचा दे इसलिए लोग रात्रि जागरण कर रहे हैं। नदी इन गांवों से सट कर बह रही है। यहां प्रशासन की ओर से कटान रोकने का कोई प्रबंध नहीं हुआ है।
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मिट्टी की बोरियों से हो रहा बचाव का कार्य
दुबौलिया क्षेत्र के कटरिया-चांदपुर तटबंध पर कटरिया गांव के पास बने ठोकर नंबर एक पर मरम्मत के नाम पर सिर्फ मिट्टी से भरी बोरिया डाली जा रही है। अतिसंवेदनशील तटबंध चांदपुर-गौरा के क्षतिग्रस्त स्पर का मरम्मत कार्य बंद पड़ा है। गौरा-सैफाबाद तटबंध पर भी संवेदनशील जगहों पर मरम्मत कार्य नहीं हो रहा।
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दर्जनभर गांवों में जलभराव
दुबौलिया ब्लाक क्षेत्र के तटबंध और राम जानकी मार्ग के बीच बसे करीब एक दर्जन गांवों में जलभराव का संकट गहरा गया है। कटरिया, साड़पुर, बिसुनदासपुर, खलवा, शुकुलपुरा, बैरागल आदि गांव मैरुंड होने की स्थिति में है। बैरागल गांव का प्रवेश मार्ग जलमग्न है। सैकड़ों बीघा धान की फसल डूबकर बर्बाद हो रही है। जलभराव से संक्रामक बीमारी फैलने का अलग खतरा है।
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जिन गांवों में जलभराव का संकट है। वहां एंटीलार्वा, फागिग आदि रसायनों का छिड़काव कराया जाएगा।
प्रेम प्रकाश मीणा, ज्वाइंट मजिस्ट्रेट