20 वर्ष पूर्व के रास्ते पर ले जाई जाएगी सरयू

गूगल व नासा के सहयोग से खोजा गया नदी का पुराना रास्ता

By JagranEdited By: Publish:Mon, 24 Dec 2018 10:47 PM (IST) Updated:Mon, 24 Dec 2018 10:47 PM (IST)
20 वर्ष पूर्व के रास्ते पर ले जाई जाएगी सरयू
20 वर्ष पूर्व के रास्ते पर ले जाई जाएगी सरयू

बस्ती: लखनऊ ¨सचाई विभाग की तकनीकी टीम ने कटरिया-चांदपुर तटबंध पर सरयू नदी की धारा सीधा करने का काम शुरू कर दिया है। टीम ने फिलहाल सर्वाधिक संवेदनशील स्थल से कार्य शुरू किया है। तकनीकी विशेषज्ञों की टीम नदी की धारा को बीस से तीस वर्ष पूर्व के रास्ते पर ले जाने के लिए प्रयास कर रही है। इसके लिए गूगल के मैप व नासा की फोटो का सहारा लिया जा रहा है। फिलहाल बस्ती जनपद में सर्वाधिक संवेदनशील स्थल सेरवा घाट से पिपरपाती तक को चिह्नित किया गया है। जो तकरीबन 30 किलोमीटर की लंबाई में है। इसमें से भी विशेषज्ञों ने आठ किलोमीटर क्षेत्र को डेंजर प्वाइंट चिह्नित किया है। फिलहाल एक किलोमीटर के दायरे में नदी की गहराई बढ़ाने का काम शुरू हो गया है। कटरिया से चांदपुर के बीच 1600 मीटर की लंबाई में नदी तटबंध को स्पर्श करते हुए प्रवाहित हो रही है। पिछली बाढ़ में यहां बंधा टूटने से बचाने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ी थी।

तकनीकी टीम के अगुवा नवीन कपूर अधीक्षण अभियंता ¨सचाई विभाग लखनऊ का कहना है कि इससे पूर्व टीम ने सरयू नदी के ही एल्गिन-जर्सरी के बीच गोंडा में काम किया था। बलरामपुर में चंदापुर के पास भड़रिया में राप्ती नदी पर भी इस तकनीक का इस्तेमाल किया जा चुका है। तकनीक के बारे में कपूर ने बताया कि सबसे पहले उनकी टीम संवेदनशील स्थल का सर्वे करती है। उसके बाद नासा के फोटो ग्राफ और गूगल के मैप से यह पता लगाया जाता है कि नदी दो अथवा तीन दशक पूर्व किस रास्ते से प्रवाहित हो रही थी। वर्तमान समय में किस तरफ दबाव अधिक बना रही है। बस्ती जनपद में सरयू नदी लगातार अपने बाएं किनारे की तरफ दबाव बना रही है। ऐसे में यह आवश्यक है कि नदी की दाहिनी तरफ उस स्थान को चिह्नित किया जाए जिधर पूर्व में प्रवाह था। हर दो से ढाई किलोमीटर की दूरी पर नदी के तल में 50 सेमी का स्लोप दिया जाता है। ड्रे¨जग मशीन पुराने रास्ते से बालू और सिल्ट हटा कर नदी का प्रवाह व्यवस्थित करती है। यह एक ऐसी विधि है जिससे नदी अपने पुराने रास्ते पर लौट जाएगी तथा तटबंध सुरक्षित रहेंगे। लंबे समय तक बाढ़ की पीड़ा से निजात मिल जाएगी। बस्ती जनपद में सेरवा घाट से लेकर कलवारी रामपुर तटबंध पर पिपरपाती में भी यही तकनीक अपनाई जाएगी। पिपरपाती में मशीनें पहुंच गईं हैं वहां भी दो से तीन दिन में काम शुरू हो जाएगा।

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हर सप्ताह सीएम ले रहे रिपोर्ट

अधीक्षण अभियंता ने बताया कि इस कार्य की सीधी निगरानी मुख्यमंत्री कार्यालय से हो रही है। सीएम हर सप्ताह कार्य प्रगति की रिपोर्ट ले रहे हैं।

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