बाढ़ का भय, लाल निशान पार कर गई सरयू
तटबंध पर बन गए हैं रेनकट
बस्ती : सरयू नदी का भयावह रूप दिखने लगा है। मंगलवार को यह नदी खतरा बिदु पार होकर बह रही थी। जलस्तर बढ़ने से तटवर्ती गांवों के लोग सहमे हुए हैं। उन्हें बाढ़ का दहशत सताए जा रहा है। दूसरी तरफ जिले की कुआनो,बिसुही और कठिनइयां नदियां भी उफना गई हैं। बाढ़ का पानी हर्रैया तहसील क्षेत्र के एक दर्जन गांवों में पहुंच गया है। यही स्थिति बनी रही तो बुधवार को इन गांवों में नाव लगानी पड़ सकती है।
केंद्रीय जल आयोग के अनुसार अयोध्या पुल पर सरयू का जलस्तर खतरा बिदु 92.730 मीटर से 23 सेंटीमीटर ऊपर 92.960 मीटर पर रिकार्ड हुआ है। वहीं अपस्ट्रीम एल्गिन ब्रिज पर खतरे के निशान 106.07 मीटर से 43 सेमी ऊपर 106.50 मीटर पर नदी प्रवाहित हो रही थी। जलस्तर बढ़ने से दुबौलिया ब्लाक क्षेत्र के कई मजरों पर बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है। तटबंध और नदी के बीच स्थित सुविकाबाबू, खजांवीपुर, बिसुनदासपुर ,अशोकपुर, भुअरिया, आंशिक टेड़वा, दिलासपुरा गांवों के लोग दहशत में है। बाढ़ का पानी गांवों में घुस जाने से बेघर होने की चिता सताने लगी है। सबसे खराब स्थिति सुबिकाबाबू गांव की है। यहां लोगों के घरों में बाढ़ का पानी घुसने लगा है। पूरी मोतीराम, बानेपुर, बरदिया लोहार, कटरिया, खलवा, गौरा,मझियार, के निकट कृषि योग्य भूमि में कटान शुरू हो गया है। सरयू की धारा में खेती योग्य भूमि विलीन होती जा रही है।
तटबंधों की मरम्मत का दावा खोखला है। पुराने रेनकट अभी भरे नहीं गए हैं। इधर लगातार बारिश होने से नए रेनकट भी बन आए हैं।
नदी का दबाव तटबंध पर बढ़ चुका है। कटरिया-चांदपुर तटबंध पर आधा दर्जन रेनकट विभागीय लापरवाही को खुद उजागर कर रहा है। रेनकट के चलते तटबंध पर आवागमन भी बाधित हो रहा है।
नाव लगाने की नौबत
प्रेम प्रकाश मीणा, ज्वाइंट मजिस्ट्रेट, हर्रैया ने बताया कि सरयू एवं कुआनो नदी के बढ़ते जलस्तर को देखते हुए कुछ गांवों में नाव लगाने की स्थिति आ गई है। बुधवार को दुबौलिया ब्लाक के एक तथा गौर ब्लाक के एक गांव में नाव लगा दी जाएगी।