भगवान भरोसे बस्ती डिपो
बस्ती डिपो की बसें भगवान भरोसे चल रही है। परिचालन और तकनीकी कर्मियों की कमी के चलते बसें न तो औसत चल रही हैं और न ही राजस्व की प्राप्ति हो रही। नतीजतन प्रतिदिन तीन से चार लाख घाटे में यह डिपो चल रहा
बस्ती : बस्ती डिपो की बसें भगवान भरोसे चल रही है। परिचालन और तकनीकी कर्मियों की कमी के चलते बसें न तो औसत चल रही हैं और न ही राजस्व की प्राप्ति हो रही। नतीजतन प्रतिदिन तीन से चार लाख घाटे में यह डिपो चल रहा है।
बस्ती डिपो के बेड़े में बसों की संख्या के अनुरूप 70 फीसद कर्मियों की कमी है। महज 30 फीसद कर्मी डिपो में हैं,इन्हीं से जैसे-तैसे कार्य चलाया जा रहा है। सर्वाधिक समस्या वर्कशाप में है। यहां तकनीकी कर्मियों की भारी कमी है। कार्य प्रभावित न हो, इससे बचने के लिए आउटसोर्सिंग और संविदा वाले कर्मियों से काम चलाया जा रहा है। कर्मियों की कमी का दंश यात्रियों के साथ ही बस के चालक-परिचालक झेल रहे हैं। यात्रियों को तय समय पर पहुंचने में दिक्कत आ रही है तो चालक और परिचालक लगातार काम करके टेंशन में हैं।
डिपो में जाने वाली खराब बसें समय से बन ही नहीं पा रही हैं। तकनीकी कर्मियों के साथ ही उपकरणों की भी यहां कमी बनी रहती है। बसों का रखरखाव भी ठीक नहीं है। निदेशालय के अधिकारी भी मान रहे हैं कि डिपो में कर्मियों और कार्यशाला में टेक्निकल कर्मियों की कमी के चलते कार्य प्रभावित होता है।
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बसों के समयबद्ध संचालन की समय सारिणी बिगड़ी
कार्यशाला में मरम्मत कार्य के लिए जाने वाली बसों की चे¨कग कर बाहर निकालने में समय सीमा पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। नतीजतन बसें निर्धारित समय पर वर्कशाप से बाहर नहीं निकल रही। लेटलतीफी के चलते यात्री बस्ती डिपो की बसों में सफर करने से कतराने लगे हैं। लोकल दर्जन भर रूटों पर बस सेवा ठप्प हो गई है। निर्धारित दूरी और फेरा न होने के चलते ही बसों का घाटा बढ़ रहा है।
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डिपो में कर्मियों और बसों पर एक नजर
कार्यशाला में स्वीकृत पद 107, तैनाती- 39
डिपो में लिपिक स्वीकृत पद 40, तैनाती 27
नियमित परिचालक पद 216, तैनाती- 79
नियमित चालक पद 185, तैनाती- 68
संविदा चालक 124
संविदा परिचालक 129
आउटसोर्सिंग 32
डिपो की बसें 83
अनुबंधित बसें 19
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कर्मचारियों की कमी लंबे समय से डिपो और कार्यशाला में बनी हुई है। कार्य प्रभावित न हो,ऐसे में संविदा और आउटसोर्सिंग के कर्मियों से काम चलाया जा रहा है। रिक्त पदों पर तैनाती के लिए पत्र लिखा गया है। घाटा कम करने के लिए निरंतर प्रयास किया जा रहा है।
छोटेलाल, सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक