महज 14 फारेस्ट गार्ड के भरोसे वन्य क्षेत्र की सुरक्षा

यूं तो जिले में कोई बड़ा जंगल नहीं हैं मगर छोटे छोटे जंगलों में बंटे बस्ती वन प्रभाग में वन्य जीव हिरण नीलगाय जंगली सूअर जैसे अनेक जीव पाए जाते हैं। इतना ही नहीं बस्ती के वन्य क्षेत्रों में शीशम सागौन और औषधीय वृक्ष खैर जैसे मूल्यवान पेड़ भी हैं जिनकी कटान को रोकने का भार भी फारेस्ट गार्ड के जिम्मे हैं।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 02 Jun 2020 04:50 PM (IST) Updated:Tue, 02 Jun 2020 04:50 PM (IST)
महज 14 फारेस्ट गार्ड के भरोसे वन्य क्षेत्र की सुरक्षा
महज 14 फारेस्ट गार्ड के भरोसे वन्य क्षेत्र की सुरक्षा

बस्ती: यूं तो जिले में कोई बड़ा जंगल नहीं हैं, मगर छोटे छोटे जंगलों में बंटे बस्ती वन प्रभाग में वन्य जीव हिरण, नीलगाय, जंगली सुअर जैसे अनेक जीव पाए जाते हैं। इतना ही नहीं बस्ती के वन्य क्षेत्रों में शीशम, सागौन और औषधीय वृक्ष खैर जैसे मूल्यवान पेड़ भी हैं, जिनकी कटान को रोकने का भार भी फारेस्ट गार्ड के जिम्मे हैं।

तीन हजार हेक्टेयर से अधिक वन्य क्षेत्र में फैले बस्ती वन प्रभाग में चार रेंज हैं। इनमें बस्ती सदर, रामनगर, कप्तानगंज और हर्रैया रेंज शामिल हैं। सभी रेंज में वन संपदा के साथ ही वन्य जीव भी मौजूद हैं। इनमें तकरीबन 500 हिरण मौजूद हैं। इनकी कई प्रजातियां बस्ती के वन्य क्षेत्रों में पाई गई हैं। आए दिन शिकारी हिरनों और नील गाय का धड़ल्ले से शिकार करते हैं। पेड़ों की कटान करते हैं। वन्य जीवों व वन संपदा की सुरक्षा के लिए वन विभाग के पास संसाधनों की कमी है। बस्ती वन प्रभाग में महज 14 वन दारोगा व इतने ही फारेस्ट गार्ड की तैनाती है।

30 मई को अंधेड़ी जंगल हुआ था वन्य जीव का शिकार

गौर ब्लाक के सिक्टा गांव से सटे अंधेड़ी जंगल में 30 मई को कुछ लोगों ने नील गाय का शिकार किया था। मौके से एक शिकारी पकड़ा गया था, जबकि एक नील गाय का गला रेता हुआ शव बरामद हुआ था। मामले में वाल्टरगंज पुलिस ने नौ लोगों के विरुद्ध मुकदमा पंजीकृत किया था।

डीएफओ नवीन कुमार शाक्य ने कहा है कि वन्य जीवों का शिकार करने वालों पर विधिक कार्रवाई की जाती है। बस्ती वन प्रभाग में वन दारोगा और फारेस्ट गार्ड की कमी हैं। फिर भी वन्य क्षेत्रों को सुरक्षित रखने की पूरी कोशिश की जाती है।

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