स्वास्थ्य विभाग ने शुरू की कोरोना वैक्सीन प्रबंधन की तैयारी

ब्लाकों के कोल्डचेन प्रभारियों को दिया गया प्रशिक्षण - ई-विन सिस्टम पर काम करने के लिए दी गई जानकारी

By JagranEdited By: Publish:Thu, 22 Oct 2020 05:41 PM (IST) Updated:Thu, 22 Oct 2020 05:41 PM (IST)
स्वास्थ्य विभाग ने शुरू की कोरोना वैक्सीन प्रबंधन की तैयारी
स्वास्थ्य विभाग ने शुरू की कोरोना वैक्सीन प्रबंधन की तैयारी

जागरण संवाददाता, बस्ती : कोरोना वैक्सीन के प्रबंधन के लिए स्वास्थ्य विभाग ने तैयारियां शुरू कर दी है। ब्लाकों में तैनात कोल्डचेन प्रभारियों को दो दिवसीय प्रशिक्षण भी दिया गया है। वैक्सीन के रख-रखाव से लेकर उचित प्रबंधन तक की जानकारी इससे जुड़े चिकित्सकों और स्वास्थ्यकर्मियों को दी जा रही है।

प्रभारी सीएमओ डा. फखरेयार हुसैन ने कहा कि कोरोना मरीजों के इलाज के साथ ही कोरोना वैक्सीन के प्रबंधन की तैयारी की जा रही है जिससे वैक्सीन मिलने पर समय गंवाए बिना टीकाकरण का कार्य शुरू किया जा सके। वैक्सीन भंडारण की क्षमता बढ़ाने से लेकर टीकाकरण तक की जानकारी देकर कर्मियों को प्रशिक्षित किया जा रहा है। उन्होंने कहा सभी प्रभारी चिकित्सा अधीक्षकों को लाजिस्टिक जैसे सिरिज,वैक्सीन कैरियर आदि की पर्याप्त व्यवस्था रखने तथा भंडारण की क्षमता बढ़ाए जाने पर भी ध्यान देने को कहा गया। उन्होंने कहा टीकाकरण केंद्रों पर डीप फ्रीजर और उससे जुड़ी मशीनों का परीक्षण भी कराया जा रहा है कि वह सही काम कर रहे हैं या नहीं। प्रशिक्षण में दिए गए जरूरी टिप्स

एएनएम ट्रेनिग सेंटर में दूसरे चरण का प्रशिक्षण गुरुवार को शुरू हो गया है,जो दो दिन चलेगा। वैक्सीन कोल्ड चेन एवं लाजिस्टिक मैनेजर हरेंद्र मिश्रा ने कहा प्रशिक्षण में ई-विन (इलेक्ट्रानिक वैक्सीन इंटीलिजेंट नेटवर्क) पर काम करने की जानकारी दी है। केवल वैक्सीन ही नहीं इससे जुड़े सामान का भी प्रबंधन ई-विन के माध्यम से होगा। सभी कोल्ड चेन प्रभारियों को कहा गया है कि जो भी सामान प्राप्त करें, उसकी फीडिग ई-विन पर जरूर कराएं। प्रतिदिन जितना सामान खर्च हो रहा है,उसे भी ई-विन पर दर्ज करेंगे। प्रशिक्षक आरबी गुप्ता ने मशीनों के रखरखाव की तकनीकी जानकारी दी है। एआरओ बीएन मिश्रा ने कहा कि टीकाकरण कार्यक्रम स्वास्थ्य विभाग की रीढ़ है। नवंबर से तीन माह तक विशेष टीकाकरण अभियान संचालित किया जाना है। प्रत्येक सोमवार को नियमित टीके से छूटे हुए बच्चों को प्रतिरक्षित किया जाना है। डब्ल्यूएचओ के डा. जलज खरे व डा. स्नेहल प्रमाण, यूनीसेफ के डीएमसी आलोक राय ने भी प्रशिक्षण दिया। इस दौरान सुरेश पांडेय, चंद्रभान, कनिकराम, राकेश कुमार, पवन कुमार आदि मौजूद रहे।

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