गर्भवती का इलाज व बच्चों के टीकाकरण की सेवाएं जारी

महिला अस्पताल में संचालित स्पेशल न्यूबार्न केयर यूनिट (एसएनसीयू) वार्ड पूर्व की भांति संचालित है। यहां पर नवजात को भर्ती कर उनका इलाज किया जाता है। एसएनसीयू में आमतौर से कम वजन वाले या समय से पूर्व जन्म लेने वाले तथा जन्म के बाद काफी देर तक सांस न लेने वाले बच्चों को भर्ती कर इलाज किया जाता है।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 11 May 2021 11:21 PM (IST) Updated:Tue, 11 May 2021 11:21 PM (IST)
गर्भवती का इलाज व बच्चों के टीकाकरण की सेवाएं जारी
गर्भवती का इलाज व बच्चों के टीकाकरण की सेवाएं जारी

बस्ती : कोरोना काल में भी गर्भवती महिलाओं के इलाज के साथ ही बच्चों के नियमित टीकाकरण की व्यवस्था बरकरार है। जिला महिला अस्पताल में इमरजेंसी सेवाएं 24 घंटे चल रही हैं। जहां पर गर्भवती की जांच कर उन्हें परामर्श दिया जा रहा है। अस्पताल में आने वाली महिलाओं की कोविड की जांच अनिवार्य रूप से कराई जा रही है। नियमित टीकाकरण केंद्र भी प्रतिदिन समय से खुल रहा है।

कोविड के बढ़ते मामलों को देखते हुए जहां एक तरफ जिला व ब्लाक स्तरीय अस्पतालों में ओपीडी सहित अन्य तमाम स्वास्थ्य संबंधी सेवाएं ठप हैं वहीं दूसरी तरफ महिला अस्पताल में गर्भवती को मिलने वाली सुविधाओं व नियमित टीकाकरण कार्यक्रम पूर्ववत संचालित है। जिला महिला अस्पताल की सीएमएस डा.सुषमा सिन्हा ने बताया कि ओपीडी नहीं चल रही है, लेकिन आने वाली सभी महिलाओं का इलाज इमरजेंसी में किया जाता है। सुरक्षा को देखते हुए गर्भवती व मेडिकल स्टाफ की नियमित कोविड की एंटीजन जांच कराई जाती है। चिकित्सक द्वारा जो भी पैथालोजी जांच लिखी जाती है, वह अस्पताल में ही कराई जाती है। पैथालाजी लैब भी नियमित रूप से खुल रहा है तथा सभी जांचें निश्शुल्क कराई जाती हैं। कोविड की भी जांच निश्शुल्क है। समय पूरा होने पर चिकित्सक की सलाह पर मरीज का सामान्य या आपरेशन के जरिये प्रसव भी कराया जाता है। एसएनसीयू सेवा भी संचालित

महिला अस्पताल में संचालित स्पेशल न्यूबार्न केयर यूनिट (एसएनसीयू) वार्ड पूर्व की भांति संचालित है। यहां पर नवजात को भर्ती कर उनका इलाज किया जाता है। एसएनसीयू में आमतौर से कम वजन वाले, या समय से पूर्व जन्म लेने वाले तथा जन्म के बाद काफी देर तक सांस न लेने वाले बच्चों को भर्ती कर इलाज किया जाता है। यहां पर जन्म से 28 दिन तक के बच्चों का इलाज किया जाता है। बड़े बच्चों का इलाज जिला अस्पताल में होता है। हालांकि कोविड संक्रमण काल में चिकित्सक व स्टाफ की मनमानी एसएनसीयू में भारी पड़ जाती है, कई ऐसे स्वजन अपने बच्चों को लेकर पहुंचते हैं, जिन्हें भर्ती करने के बजाए वापस कर दिया जाता है।

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