प्रज्ञा प्रशिक्षण में साधकों को सिखाया गया याज्ञिक के तौर तरीके

हम सबको शास्त्रों व संस्कृति से जुड़े रहना चाहिए। पूजन अर्चन करने से मनोबल बढ़ता है।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 24 Sep 2020 11:40 PM (IST) Updated:Fri, 25 Sep 2020 05:09 AM (IST)
प्रज्ञा प्रशिक्षण में साधकों को सिखाया गया याज्ञिक के तौर तरीके
प्रज्ञा प्रशिक्षण में साधकों को सिखाया गया याज्ञिक के तौर तरीके

जागरण संवाददाता, कप्तानगंज, बस्ती : गायत्री परिवार की ओर से आयोजित सात दिवसीय विशेष प्रज्ञा प्रशिक्षण शिविर में गुरुवार को त्रिलोकपुर गांव के उजागेश्वर नाथ शिव मंदिर परिसर में आचार्य रामनाथ विश्वकर्मा ने साधकों को विभिन्न याज्ञिक नियमों के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि किसी भी अनुष्ठान, यज्ञ, तप, साधना के लिए देवी देवताओं का विधिपूर्वक आह्वान करना चाहिए। प्रार्थना, पवित्रीकरण आचमन आदि शास्त्र के अनुसार करना चाहिए। तभी यह अभीष्ट फलदायी सिद्ध होता है। वर्तमान भौतिकवादी युग में हम अपने शास्त्र सम्मत याज्ञिक कार्यों से दूर होते जा रहे हैं। इसी कारण माता-पिता तथा बुजुर्गों की सेवा से भी लोग दूर हो रहे हैं। समारोह शुरू होने से पूर्व यजमान की भूमिका में आचार्य देवमणि पटेल अनुष्ठान संबंधी कार्यक्रम विधि विधान से संपन्न कराए। सूर्यमणि, पूर्णिमा, आदर्श, आदित्य, प्रतिज्ञा, आनंद, साधना, अंकिता विश्वकर्मा, अंकिता वर्मा, आराधना, सरस्वती, आलोक व प्रतिज्ञा ने प्रशिक्षण प्राप्त किया।

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