जिला अस्पताल में सैंपलिग के लिए जूझ रहे पुलिसकर्मी

फीवर ओपीडी में आ रहे संदिग्धों की सैंपलिग में ढिलाई उजागर

By JagranEdited By: Publish:Thu, 03 Dec 2020 11:14 PM (IST) Updated:Thu, 03 Dec 2020 11:14 PM (IST)
जिला अस्पताल में सैंपलिग के लिए जूझ रहे पुलिसकर्मी
जिला अस्पताल में सैंपलिग के लिए जूझ रहे पुलिसकर्मी

जागरण संवाददाता, बस्ती : जिला अस्पताल में मनमानी चरम पर है। हाल यह है कि अस्पताल के चिकित्सकों की बात उन्हीं के कर्मी नहीं सुन रहे हैं। गुरुवार को यह देखने को भी मिला। फीवर ओपीडी में रिमांड पर लिए गए आरोपितों की कोविड-19 की जांच कराने पहुंचे पुलिस कर्मियों को घंटों मशक्कत करनी पड़ी।

कोरोना जांच और हाई फीवर वाले मरीजों की कोविड-19 जांच के लिए अगल से ओपीडी संचालित की जा रही है। यहां रोस्टिग के अनुसार चिकित्सकों और पैरामेडिकल स्टाफ की ड्यूटी लगाई जा रही है। यहां बाहर से और संदिग्ध व्यक्ति के अलावा विभिन्न थानों से रिमांड पर लिए गए आरोपितों की जांच के लिए आवेदन भरवाये जाते हैं। जांच के लिए आवेदन पैथालाजी में जाने पर ट्रूनेट जांच मशीन से जांच की जाती है।

चिकित्सकों के भेजे आवेदन को भी लैब कर्मी नहीं कर रहे रिसीव लैब कर्मियों की लापरवाही ऐसी है कि आवेदन को भी आसानी से स्वीकार नहीं कर रहे हैं कोविड-19 की जांच के लिए सैंपलिग तो दूर की बात है। गुरुवार को ड्यूटी पर तैनात डा. वीके वर्मा ने शाम पांच बजे 22 आवेदन देकर एक स्वास्थ्य कर्मी को लैब में भेजा। पता चला कि आवेदन रिसीव नहीं किए। इससे पुलिस कर्मी, आरोपित और अन्य लोग जांच के लिए भटकते रहे। हो-हल्ला भी हुआ। लेकिन सुनवाई नहीं हुई। बताया जा रहा है कि यह एक दिन की बात नहीं आए दिन ऐसी समस्या यहां बनी हुई है। बाहर से आने वाले संदिग्धों की कोरोना जांच यहां हो रही है। यदि आवेदन लेने में लैब कर्मी ढिलाई बरत रहे हैं तो उन पर कार्रवाई की जाएगी। डा. रोचिस्मति पांडेय, प्रमुख अधीक्षक जिला अस्पताल, बस्ती

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