पंद्रह दिन बाद भी शुरू न हो सकी धान खरीद
पीसीएफ की हड़ताल के चलते शुरू नहीं हो रही खरीद
बस्ती : किसानों का हाल बेहाल है। अपनी उपज का उचित मूल्य न मिल पाने से परेशान हैं। आढ़तिए औने-पौने दाम पर धान खरीद रहे हैं, सरकारी खरीद केंद्र 15 दिन बीत जाने के बाद भी चालू नहीं हो सके हैं। सरकार द्वारा किसानों की उपज का सही मूल्य दिलाने के लिए समर्थन मूल्य के साथ खरीद कराने का ¨ढढोरा भले ही पीटा जा रहा है लेकिन स्थिति यह है कि क्षेत्र के क्रय केंद्रों पर अब भी ताला लटक रहा हैं। क्रय केंद्र के सचिव हड़ताल पर हैं और किसान धान बेचने के लिए भटक रहे हैं। गेहूं की बोआई के लिए पूंजी की जरूरत है। परशुरामपुर विकासखंड में धान खरीद के लिए एफसीआइ का जगदीशपुर, साधन सहकारी समिति का परशुरामपुर ठाकुरपुर, हरिगांव, सिकंदरपुर, और दुफेड़ी में क्रय केंद्र स्थापित है। इन छह क्रय केंद्रों के माध्यम से क्षेत्र के किसानों के धान की खरीद की जानी है। पीसीएफ के कर्मचारियों की हड़ताल के चलते सभी क्रय केंद्र बंद चल रहे हैं। साधन सहकारी समिति परशुरामपुर के सचिव श्याम नारायण वर्मा का कहना है कि तीन सूत्रीय मांगों को लेकर पीसीएफ के सभी कर्मचारी हड़ताल पर हैं। सिकंदरपुर समिति के सचिव गिरजेश कुमार कहते हैं कि 15 सौ रुपये मानदेय मिलता है। वह भी कई माह से बकाया है। इन्हीं मुद्दों को लेकर प्रदेशव्यापी हड़ताल चल रही है। दुफेडी समिति के सचिव शिवसुंदर कहते हैं कि हड़ताल तो चल ही रही है, राइस मिल मालिक धान की उठान में असमर्थता जाहिर कर रहे हैं। सरकार को 67 फीसद चावल चाहिए। राइस मिल मालिक इतना चावल नहीं दे पा रहे हैं यह भी एक वजह है जिससे धान की खरीद शुरू नहीं हो पा रही है। मुकुंदपुर गांव के किसान हुंदरी प्रसाद यादव कहते हैं कि धान की सरकारी खरीद न होने से परेशान होना पड़ रह है। रबी की फसल की बोआई का समय शुरू हो गया है। धान नहीं बिकेगा तो अगली फसल की तैयारी नहीं हो पाएगी। साहुकार मनमानी कीमत पर धान खरीद रहे हैं। नेदुला गांव के गौरव पांडे कहते हैं कि पूरे क्षेत्र में एक भी क्रय केंद्र अब तक चालू नहीं हुए। धान न बिकने से किसान अपने को ठगा महसूस कर रहा हैं। वर्तमान समय में किसानों की समस्या सुनने वाला कोई नहीं हैं। दूसरी तरफ जिला खाद्य एवं विपणन अधिकारी गोरखनाथ त्रिपाठी कहते हैं कि सरकार प्रयासरत है, जल्द ही हड़ताल समाप्त होगी और सभी क्रय केंद्रों पर खरीदारी प्रारंभ की जाएगी।