ग्राम पंचायत के खातों का संचालन न होने से विकास ठप

प्रशासक बनाए गए एडीओ अभी तक नहीं कर पाए खाते का संचालन 25 दिसंबर की रात 12 बजे से समाप्त हो गया था प्रधानों का कार्यकाल

By JagranEdited By: Publish:Thu, 21 Jan 2021 06:59 AM (IST) Updated:Thu, 21 Jan 2021 06:59 AM (IST)
ग्राम पंचायत के खातों का संचालन न होने से विकास ठप
ग्राम पंचायत के खातों का संचालन न होने से विकास ठप

जागरण संवाददाता, बस्ती : 25 दिसंबर की रात प्रधानों का कार्यकाल समाप्त होने के बाद एडीओ को ग्राम पंचायतों में प्रशासक नियुक्त कर दिया गया था। तय हुआ कि ग्राम पंचायतों के खाते का संचालन एडीओ की ओर से किया जाएगा। जिससे विकास कार्य प्रभावित न होने पाए। मगर हुआ इसका उल्टा। विकास कार्यों को गति मिलने के बजाय अभी तक ग्राम पंचायतों का खाता तक संचालित नहीं हो सका है।

शासन के निर्देश पर ग्राम पंचायतों में एडीओ को प्रशासक तो बना दिया गया, मगर अभी तक यह खातों का संचालन ही नहीं शुरू करा पाए हैं। उनका डिजिटल सिग्नेचर (डांगल) सक्रिय कराया गया। आइडी पासवर्ड एक्टिवेट न होने के कारण ग्राम पंचायत के खाते से धन की निकासी नहीं हो पा रही है। जिससे अधिकांश स्थानों पर निर्माण कार्य रुक गए हैं। दुबौलिया विकास खंड के भरुकहवा ग्राम पंचायत, कुदरहा के चौबाह, लालगंज, मेहनौना, कड़जा अजमतपुर, जगरनाथपुर, पिपरपाती एहतमाली, अइलिया, बस्ती सदर विकास खंड के सिकरा पठान, भुवनी, सूसीपार, दौलतपुर समेत अधिकतर ग्राम पंचायत में पंचायत भवन और सामुदायिक शौचालय के निर्माण का कार्य धनाभाव के कारण अधूरा पड़ा है। अधिकतर प्रधानों का कहना है कि उन्होंने अधिकारियों के दबाव में पंचायत भवन और सामुदायिक शौचालय के निर्माण में अपने पास से रकम खर्च कर दी है। उम्मीद थी कि ग्राम पंचायतों के प्रशासक की ओर से खाता से रकम निकालकर निर्माण कार्यों को पूरा कराया जाएगा। उनकी तरफ से खर्च की गई धनराशि भी मिल जाएगी। लेकिन कुछ भी संभव नहीं हो पा रहा है। यह है स्थिति

जिले में 1211 सामुदायिक शौचालय और 758 पंचायत भवनों के निर्माण का लक्ष्य है। इसके सापेक्ष 105 पंचायत भवन और 322 सामुदायिक शौचालय का निर्माण ही अब तक कराया जा सका है। धनाभाव के कारण शेष 889 सामुदायिक शौचालय व 653 पंचायत भवन अपूर्ण हैं। ग्राम पंचायतों के प्रशासक बनाए गए एडीओ को खाता संचालन के आइडी पासवर्ड मिल गया है। इसके एक्टीवेशन की तैयारी हो रही है। एक दो दिन में इस समस्या का समाधान हो जाएगा।

विनय कुमार सिंह, डीपीआरओ, बस्ती।

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