राष्ट्रीय राजमार्ग घोषित 84 कोसी परिक्रमा मार्ग का कराया जाएगा सर्वे

जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के तत्वावधान में विभिन्न प्रकोष्ठ जिला कारागार में स्थापित हैं जिनका उद्देश्य जरूरतमन्द बंदियों को कानूनी सहायता उपलब्ध कराना है। न्यायाधीश ने कहा कि इस उद्देश्य के लिए स्वयंसेवकों को लगाया गया है। उनका यह उत्तरदायित्व है कि वह कैदियों को जागरूक करें।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 30 Jul 2021 11:27 PM (IST) Updated:Fri, 30 Jul 2021 11:27 PM (IST)
राष्ट्रीय राजमार्ग घोषित 84 कोसी परिक्रमा मार्ग का कराया जाएगा सर्वे
राष्ट्रीय राजमार्ग घोषित 84 कोसी परिक्रमा मार्ग का कराया जाएगा सर्वे

बस्ती: 84 कोसी परिक्रमा मार्ग के राष्ट्रीय राजमार्ग घोषित होने के बाद निर्माण के लिए कवायद शुरू हो गई है। जिलाधिकारी सौम्या अग्रवाल ने पंचकोसी परिक्रमा मार्ग के सर्वे के लिए एसडीएम हर्रैया तथा सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के अधिकारियों को निर्देशित किया है। 84 कोसी परिक्रमा मार्ग को सरकार ने राष्ट्रीय राजमार्ग घोषित किया है। इसके निर्माण के लिए सर्वे कराया जाएगा। मंत्रालय के अधिकारियों ने जिलाधिकारी से मिलकर यह जानकारी दी। 84 कोसी परिक्रमा मार्ग का लगभग 40 किमी हिस्सा जिले में पड़ता है।

जिलाधिकारी ने निर्देश दिया है कि पूरे परिक्रमा मार्ग का राजस्व विभाग एवं मंत्रालय के अधिकारियों द्वारा संयुक्त रूप से सर्वे किया जाए। इसमें बीच में पड़ने वाले वन क्षेत्र, सकरी मार्ग, अतिक्रमण आदि का सूची तैयार किया जाएगा, ताकि मार्ग का निर्माण कराते समय किसी प्रकार की बाधा न हो। सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के अधीक्षण अभियंता शैलेंद्र यादव ने बताया कि मखौड़ा धाम से घाघरा नदी पर एक पुल भी बनाया जाएगा। सीआरओ नीता यादव, डिप्टी कलेक्टर राजेश सिंह तथा सहायक अभियंता पीके राय मौजूद रहे।

बंदियों को मिले विधिक सहायता

विधिक सहायता प्राप्त करना बंदियों का अधिकार है सभी को न्याय का अवसर मिलना चाहिए। प्राविधिक स्वयंसेवक अपनी जिम्मेदारी निभाएं।

यह बातें विशेष सत्र न्यायाधीश सुनील कुमार श्रीवास्तव ने कहीं। वह जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की सचिव न्यायाधीश विनीता सिंह के साथ शुक्रवार को जिला कारागार का निरीक्षण कर रहे थे। जिला जज विनोद कुमार के दिशा निर्देशन में जेल में विधिक साक्षरता शिविर भी लगाया गया। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के तत्वावधान में विभिन्न प्रकोष्ठ जिला कारागार में स्थापित हैं, जिनका उद्देश्य जरूरतमन्द बंदियों को कानूनी सहायता उपलब्ध कराना है। न्यायाधीश ने कहा कि इस उद्देश्य के लिए स्वयंसेवकों को लगाया गया है। उनका यह उत्तरदायित्व है कि वह कैदियों को जागरूक करें। कोई भी व्यक्ति किसी भी कारण से न्याय के अवसर से वंचित न रहने पाए, क्योंकि न्याय प्राप्त करना सभी का अधिकार है। सचिव ने जिला विधिक सेवा प्राधिकरण से प्राप्त होने वाली विभिन्न सुविधाओं के बारे में बंदियों को जागरूक किया। जिला कारागार के अधीक्षक दिलीप पांडेय, कारापाल सतीश चंद्र त्रिपाठी, उप कारापाल सुनील भी मौजूद रहे।

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