बस्ती के अर्यांश का एशिया बुक आफ रिकार्ड में दर्ज हुआ नाम
जिले के पांडेय बाजार निवासी प्रतिष्ठित व्यवसायी अतुल अरोरा के पुत्र अर्यांश की सफलता पर परिवार भी गदगद है। अर्यांश ने बताया कि उनके द्वारा संपादित पुस्तक वंडर्स आफ पोएट्री के लिए यह उपलब्धि मिली है। 14 साल की उम्र से ही वह कविताएं लिख रहे हैं। खुद भी दो कविताएं लिख चुके हैं।
बस्ती : बस्ती के अर्यांश की उपलब्धि से शहर इतरा रहा है। 18 साल की उम्र में अर्यांश ने अपनी मेहनत के दम पर एशिया बुक आफ रिकार्ड में अपना नाम दर्ज करा लिया।
जिले के पांडेय बाजार निवासी प्रतिष्ठित व्यवसायी अतुल अरोरा के पुत्र अर्यांश की सफलता पर परिवार भी गदगद है। अर्यांश ने बताया कि उनके द्वारा संपादित पुस्तक वंडर्स आफ पोएट्री के लिए यह उपलब्धि मिली है। 14 साल की उम्र से ही वह कविताएं लिख रहे हैं। खुद भी दो कविताएं लिख चुके हैं। बताया कि 15 तरीके की कविताओं को एक महीने तक पढ़ा और समझा,फिर पूरे देश के 22 लेखकों को इन कविताओं के बारे में समझाया और पढ़ाया भी। सबकी रचनाओं को एक किताब की तरह प्रस्तुत किया और नाम दिया 15 वंडर्स ऑफ पोएट्री। इस किताब को बुक स्कि्वर्रेल पब्लिकेशन द्वारा अमेजन और फ्लिपकार्ट जैसी जगहों पर 15 अगस्त को रिलीज किया गया है। किताब को अगस्त में वर्ल्ड बुक आफ रिकार्ड और एशिया बुक आफ रिकार्ड से नवाजा गया है। इस प्रोजेक्ट में इशानी अग्रवाल, शुभम शाह,ऋषव बनर्जी, फाल्गुनी जगदीश,सयाली एल्वे और बस्ती में पायल बनर्जी,श्रेया गुप्ता,अनन्या श्रीवास्तव ने भी हिस्सा लिया था। बताया कि इससे पहले भी वह इंडिया बुक आफ रिकार्ड्स,वज्र वर्ल्ड रिकार्ड, कलाम बुक आफ रिकार्ड,यंग अचिवर्स एवार्ड पा चुके हैं। चार माह में पूरा किया प्रोजेक्ट प्रोजेक्ट पूरा करने में अर्यांश को चार माह का वक्त लगा। तीन मई 2020 को शुरू किया गया यह प्रोजेक्ट 15 अगस्त 2020 को पूरा हुआ। इस किताब को देशभर में सराही जा रही है। किताब युवा भारतीय जो अपना भविष्य अंग्रे•ाी या हिदी साहित्य में देख रहे हैं, उनके लिए लाभकारी है। इस किताब में 11 तरीके की अंग्रे•ाी कविताएं और चार तरीके की हिदी कविताओं का प्रचलन है।