सिर्फ नाम का अस्पताल, सुविधाएं नगण्य, मरीज परेशान

70 बेड के एलवन हास्पिटल पचपेड़िया में महज आठ मरीज भर्ती अस्पताल में एक्सरे और पैथोलोजिकल जांच की सुविधा नहीं

By JagranEdited By: Publish:Sat, 22 May 2021 05:13 AM (IST) Updated:Sat, 22 May 2021 05:13 AM (IST)
सिर्फ नाम का अस्पताल, सुविधाएं नगण्य, मरीज परेशान
सिर्फ नाम का अस्पताल, सुविधाएं नगण्य, मरीज परेशान

जागरण संवाददाता,बस्ती : नाम का अस्पताल, सुविधाएं नगण्य लेकिन बंदिशें जेल जैसी हैं। यह हाल है शहर के पचपेड़िया में बनाए गए एल वन हास्पिटल का। न जांच की सुविधा और न दवा-इलाज। बस केवल मिलती है डांट-फटकार। यह स्थिति तब है जब प्रमुख सचिव मुकेश मेश्राम को शासन ने यहां कोविड मरीजों को मिलने वाली सुविधाओं और चिकित्सकीय व्यवस्था की निगरानी के लिए भेजा है।

शुक्रवार को जागरण टीम ने एलवन हास्पिटल की पड़ताल की। दिन में दो बजे दो लोग यहां भर्ती मरीजों से मिलने पहुंचे थे लेकिन डाक्टर से लेकर स्टाफ तक का व्यवहार असामान्य दिखा। सीसीटीवी की निगहबानी वाले 70 बेड के इस अस्पताल में महज आठ मरीज भर्ती हैं। सभी को दूसरे तल पर रखा गया है। न तीमारदार और न ही नाते रिश्तेदारों से मिलने-जुलने की अनुमति है। बहाना पीपीई किट का होता है। लेकिन हैरत की बात यह है कि यहां डाक्टर से लेकर स्टाफ तक बिना पीपीई किट के ड्यूटी करते मिले।

डा.रामशंकर, डा.देवेंद्र के अलावा स्टाफ नर्स अनीता पटेल, रीना कुमारी और वार्डब्वाय मोतीलाल की ड्यूटी दिन में दो बजे रात आठ बजे की शिफ्ट में लगी थी। तीन शिफ्ट में इसी तरह से दो डाक्टर, दो स्टाफ नर्स और एक वार्डब्वाय की ड्यूटी लगाई जा रही है। यहां रखे गए मरीजों का कहना है न जांच की सुविधा है और न ही खाने की सही व्यवस्था। गरम पानी मांगने पर डांट मिलती है। भोजन दूर से ढकेल दिया जाता है। दाल में पानी अधिक रहता है। सब्जी में केवल आलू और भिडी दी जाती है। यह दर्द भर्ती मरीजों ने ही नहीं डिस्चार्ज होकर गए मरीजों ने भी बयां किए। जांच के लिए कैली हास्पिटल का सहारा

एल वन हास्पिटल में बिना लक्षण के रखे जाने वाले मरीज की एक्सरे और पैथालोजिकल जांच करानी होती है। यह सुविधा यहां पर उपलब्ध नहीं हैं। मरवटिया सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र से इसे संबद्ध किया गया है लेकिन वहां पर भी यह जांचे नहीं हो पाती हैं। दूसरे एल वन हास्पिटल मुंडेरवा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में स्टाफ की कमी बताए वहां भर्ती किए गए चार मरीजों को भी पचपेडिया में शिफ्ट कर दिया गया। एलवन के नोडल डा.विवेक विश्वास का कहना है कि जांच के लिए एलवन में भर्ती मरीजों को कैली हास्पिटल में ले जाया जाता है। दूसरी तरफ मरीजों ने बताया सप्ताह भर पहले जांच के लिए उनको कैली में ले जाया गया था लेकिन प्रधानाचार्य ने साफ तौर पर मना कर दिया। जिससे वह लोग लौट आए। मरीजों को एक्सरे और जांच बाहर करानी पड़ती है। लक्षणरहित कोरोना मरीजों के लिए है एल वन हास्पिटल

कोरोना पाजिटिव ऐसे मरीज जिनमें कोई लक्षण न दिखाई देते हों और उनके पास घर में आइसोलेशन की सुविधा नही हो,को ही भर्ती किया जाता है। इन मरीजों को दस दिन रखने का प्रावधान है। ग्रामीण क्षेत्रों में होम आइसोलेशन की सुविधा अधिकतर के पास नहीं है। संक्रमण की दर भी गांवों में बढ़ी है फिर भी पूरा एलवन हास्पिटल खाली है। जबकि आए दिन 50-80 कोरोना के पाजिटव केस सामने आ रहे हैं। गांवों में संक्रमण का फैलाव रोकने के लिए एलवन में ही सभी को रखने पर जोर दिया जा रहा है। वर्तमान में पचपेडिया आश्रय स्थल में बनाया गया एलवन हास्पिटल ही चल रहा है। गत 18 अप्रैल 21 से यह अस्पताल चल रहा है। अब तक यहां कुल 119 मरीज ही भर्ती किए गए। वर्तमान में आठ मरीज हैं जिसमें एक को गुरुवार को भर्ती किया गया है। बस्ती जिले में कोरोना संक्रमण की रफ्तार कम हो गई है। वर्तमान में जो मरीज मिल रहे हैं उसमें 90 फीसद ग्रामीण क्षेत्र के हैं। जिले में बिना लक्षण वाले 646 लोग होम आइसोलेशन में हैं। पचपेडिया स्थित एलवन हास्पिटल में भर्ती मरीजों की जांच और इलाज की पर्याप्त व्यवस्था है। जांच के लिए मरीजों को कैली हास्पिटल में भेजा जाता है।

डा.फखरेयार हुसेन,एसीएमओ

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