निकला मोहर्रम का जुलूस, दफन हुए ताजिए और तुरबत

मोहर्रम का त्योहार शुक्रवार को अकीदत के साथ मनाया गया। दोपहर बाद शहर से लगायत ग्रामीण कस्बों तक दसवीं मोहर्रम का जुलूस निकला। अकीदतमंद आकर्षक ताजिये के साथ कर्बला की ओर बढ़ने लगे

By JagranEdited By: Publish:Fri, 21 Sep 2018 11:37 PM (IST) Updated:Fri, 21 Sep 2018 11:37 PM (IST)
निकला मोहर्रम का जुलूस, दफन हुए ताजिए और तुरबत
निकला मोहर्रम का जुलूस, दफन हुए ताजिए और तुरबत

बस्ती : मोहर्रम का त्योहार शुक्रवार को अकीदत के साथ मनाया गया। दोपहर बाद शहर से लगायत ग्रामीण कस्बों तक दसवीं मोहर्रम का जुलूस निकला। अकीदतमंद आकर्षक ताजिये के साथ कर्बला की ओर बढ़ने लगे। ढोल, नगाड़ा, ताशा की जगह-जगह गूंज होने लगी। मुस्लिम समुदाय के साथ ताजिया जुलूस में ¨हदू भी कदमताल करते देखे गए। लोग रास्ते भर मातम मनाते हुए चल रहे थे। इमाम हुसैन और इमाम-ए-हसन की याद में शरीर छुरियों और खंजर से प्रहार कर लोग लहुलुहान होते रहे। वहीं मुस्लिम समाज का दूसरा वर्ग इमाम हुसैन के शौर्य का प्रतीक बना रहा। जुलूस को चौक चौराहों पर रोककर अखाड़ा लगाया गया। लाठियां चटकाई गई। यह खेल देखने के लिए लोग खड़े रहे। बच्चे गतका खेल का प्रदर्शन करते रहे। जवान उस्ताद के साथ भाला, लाठी भांजते रहे। यह सब होते-होते ताजिया जुलूस और मातम जुलूस देर रात कर्बला पहुंचा। यहां मजलिस हुई। फातिया और नौहा पढ़ा गया। बाद में ताजिया एवं तुरबत को दफन किया गया।

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गांधीनगर में हुआ जमावड़ा

गांधीनगर क्षेत्र के विभिन्न हिस्सों से निकलने वाला मोहर्रम का जुलूस देर शाम पक्के पर आकर मिल गया। यहां देर तक अखाड़ा हुआ। नगाड़ा, ढोल और ताशा बजते रहे। मूड़घाट, सिविल लाइन क्षेत्र, तुरकहिया, दरिया खां आदि मोहल्लों से जुलूस निकला। पक्के पर ठहराव के बाद रोडवेज होते हुए जुलूस अस्पताल चौराहा के कर्बला पर पहुंचा। इस दौरान मातमी जुलूस भी निकला। युवा वर्ग अपनी बदन पर खंजर और छूरियों से प्रहार कर रहे थे। या हुसैन की गूंज पर लोग लहुलूहान होते रहे।

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पुरानी बस्ती में भी निकला जुलूस

पुरानी बस्ती क्षेत्र में भी मोहर्रम का जुलूस पूरे जोश के साथ निकाला गया। पठान टोला, चिकवा टोला, राजा मैदान, घरसोहिया, पांडेय बाजार आदि क्षेत्र से जुलूस की शक्ल में निकले ताजिएदार करूआ बाबा पर आकर एकत्र हुए। यहां से बड़ी संख्या में लोग कर्बला की ओर रूख किए। अस्पताल चौराहा कर्बला पर पहुंचते-पहुंचते रात हो गई। बाद में ताजिया दफन की गई।

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