गोल्डन कार्ड के बावजूद इलाज के लिए कैंसर पीड़ित परेशान

शिवकुमार पेशे से वाहन चालक थे। कुछ दिन पहले अचानक तबीयत खराब हुई तो चिकित्सक से परामर्श लिया। चिकित्सक ने मेडिकल कालेज जाने की सलाह दी। जिसके बाद पांच सितंबर 2020 को शिवकुमार लोहिया अस्पताल लखनऊ में जांच कराने गए।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 22 Jun 2021 11:23 PM (IST) Updated:Tue, 22 Jun 2021 11:23 PM (IST)
गोल्डन कार्ड के बावजूद इलाज के लिए कैंसर पीड़ित परेशान
गोल्डन कार्ड के बावजूद इलाज के लिए कैंसर पीड़ित परेशान

बस्ती: गरीबों को निश्शुल्क इलाज की सुविधा मिल सके इसके लिए सरकार ने उन्हें प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना आयुष्मान भारत के तहत गोल्डन कार्ड दिया है, लेकिन कुछ ऐसे भी गरीब हैं जिनके पास यह कार्ड तो है पर इलाज नहीं हो पा रहा है। दुबौलिया ब्लाक के रानीपुर गांव निवासी 34 वर्षीय शिव कुमार कैंसर पीड़ित हैं, उनके पास कार्ड भी है पर इलाज नहीं हो पा रहा है।

शिवकुमार पेशे से वाहन चालक थे। कुछ दिन पहले अचानक तबीयत खराब हुई तो चिकित्सक से परामर्श लिया। चिकित्सक ने मेडिकल कालेज जाने की सलाह दी। जिसके बाद पांच सितंबर 2020 को शिवकुमार लोहिया अस्पताल लखनऊ में जांच कराने गए। जांच में जीभ में कैंसर बताया गया। धीरे-धीरे कैंसर जबड़े में भी फैल रहा है। परिवार के लोग बताते हैं कि शिवकुमार अब ठीक से खाना भी नहीं खा पाते और न ही सही से बोल पाते हैं। घर की माली हालत खराब होने के चलते उपचार में भी बाधा आ रही है। इनके उपर पत्नी रिका देवी,तीन बच्चों के साथ ही माता की भी जिम्मेदारी है। इनके पास मात्र एक बीघा खेती योग्य भूमि है, जिससे किसी तरह गुजर-बसर कर पाते हैं। कोरोना काल के दौरान तो स्थिति और भी खराब हो गई। शिव कुमार ने बताया कि गोल्डन कार्ड होने के बाद भी जिस भी अस्पताल में जाते हैं, वहां कहते हैं कार्ड से होने वाले मरीजों की संख्या पूरी हो चुकी है। इसलिए आप किसी अन्य अस्पताल में चले जाइए। ऐसे मे आयुष्मान कार्ड होते हुए भी इलाज नहीं हो पा रहा है। बताया कि पत्नी के गहने आदि गिरवी रख कर किसी तरह इलाज करा रहा हूं। सीएमओ डा. अनूप कुमार ने बताया कि कैंसर पीड़ित हैं तो उसे हायर सेंटर रेफर किया जा सकता है। संबंधित चिकित्सा अधीक्षक से इस बारे में जानकारी ली जाएगी।

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