अभियान चलाकर असंगठित क्षेत्र के मजदूरों का कराएं पंजीकरण : मंडलायुक्त

मंडल में चिह्नित हैं कुल 4019447 कामगार

By JagranEdited By: Publish:Thu, 07 Oct 2021 12:31 AM (IST) Updated:Thu, 07 Oct 2021 12:31 AM (IST)
अभियान चलाकर असंगठित क्षेत्र के मजदूरों का कराएं पंजीकरण : मंडलायुक्त
अभियान चलाकर असंगठित क्षेत्र के मजदूरों का कराएं पंजीकरण : मंडलायुक्त

बस्ती: ई-श्रम पोर्टल पर असंगठित क्षेत्र के मजदूरों का पंजीकरण 31 दिसंबर तक होगा। मंडलायुक्त गोविद राजू एनएस ने इसके लिए अभियान चलाने का निर्देश दिया है।

मंडलायुक्त ने मंडल के जिलाधिकारियों व मुख्य विकास अधिकारियों को लिखे पत्र में बताया है कि मंडल में कुल 4019447 कामगार चिह्नित हैं। स्थानीय स्तर पर असंगठित क्षेत्र के अन्य श्रमिकों को चिह्नित कर पंजीकरण सुनिश्चित कराएं। चिह्नित कामगारों में 5268 आशा कार्यकर्ता, 11781 आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, 1112302 किसान सम्मान निधि लाभार्थी, 57123 शाप वर्कर, 273066 एनआरएलएम वर्कर, 16953 पीएम स्वनिधि लाभार्थी, 405923 बीओसीडब्लू वर्कर, 898777 मनरेगा वर्कर तथा 1238254 शौचालय योजना के लाभार्थी हैं।

मंडलायुक्त ने कहा कि कामगारों का पंजीकरण शासन की प्राथमिकता का अभियान है। इस कार्य में किसी प्रकार की शिथिलता क्षम्य नही होंगी। असंगठित क्षेत्र के ऐसे कामगार जिनकी उम्र 16 से 59 वर्ष के बीच होगी, जिनका पीएफ-ईएसआइ की कटौती नहीं होती हो तथा आयकरदाता न हो, वे ई-श्रम पोर्टल पर स्वयं अथवा जन सुविधा केंद्र के माध्यम से निश्शुल्क पंजीकरण करा सकते हैं। अपात्रों में बांट दिए प्रधानमंत्री आवास

बस्ती: प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के तहत नगर पंचायत बभनान में अपात्रों को आवास आवंटित करने के मामले में जिला नगरीय विकास अभिकरण (डूडा) के तीन जूनियर इंजीनियर (जेई) दोषी पाए गए हैं। जिला प्रशासन ने तीनों जूनियर इंजीनियरों रंदीप यादव, उदय शुक्ला एवं जैनेंद्र चौधरी की सेवा समाप्ति के लिए सेवा प्रदाता एजेंसी को संस्तुति भेजी है। साथ ही एसडीएम आशाराम वर्मा को डूडा के परियोजना अधिकारी की जिम्मेदारी सौंपी है।

जिलाधिकारी सौम्या अग्रवाल ने बताया कि बभनान में प्रधानमंत्री आवास योजना में अनियमितता की शिकायतें प्राप्त हुईं थीं। शिकायत 29 जून को सभासद सूरजमुखी, निशा यादव व सभासद प्रतिनिधि दिनेश स्वर्णकार ने की थी। इसकी जांच डूडा के प्रबंधक एवं सेवा प्रदाता एजेंसी के जिला समन्वयक द्वारा संयुक्त रूप से की गई। जांच में तीन जेई दोषी पाए गए हैं। इन तीनों ने दो दर्जन से अधिक अपात्रों को प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ देकर धनउगाही की थी। उन्होंने बताया कि भविष्य में जांच में यदि अन्य कर्मचारी भी दोषी पाए जाते हैं, तो उनके विरुद्ध भी कार्रवाई की जाएगी। एजेंसी यदि अपने अधीनस्थ कर्मचारियों की कार्यप्रणाली पर नियंत्रण नहीं लगाएगी तो एजेंसी को ही काली सूची में डालने की कार्रवाई की जाएगी। जिलाधिकारी ने कहा कि लोगों को चाहिए कि वे किसी प्रकार के बहकावे में न आएं। यदि किसी कर्मचारी द्वारा आवास दिलाने के नाम पर धन मांगा जाता है, तो तत्काल उसकी सूचना परियोजना अधिकारी डूडा एवं परियोजना निदेशक, एडीएम को लिखित या मौखिक रूप से दें।

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