फायर बिग्रेड व नपा प्रशासन अलर्ट मोड में
जिले के चारों तहसीलों में वाहन के साथ मुस्तैद रहेंगे कर्मी
जागरण संवाददाता, बस्ती : राजस्थान और मध्य प्रदेश में आतंक मचाने के बाद टिड्डी दल के उत्तर प्रदेश में प्रवेश करते ही अलर्ट घोषित कर दिया गया है। इसे नियंत्रित कर फसलों की क्षति रोकने के लिए टिड्डी आपदा राहत दल व कंट्रोल रूम का गठन किया गया है। फोन नंबर 05542283051 पर किसान तत्काल संपर्क कर सकते हैं। कीटनाशक छिड़काव के लिए फायर ब्रिगेड के अलावा नगर निकाय प्रशासन भी अपनी सीमा में सतर्क रहेगा।
टिड्डी दल के हमले की आशंका के दृष्टिगत पूरी चौकसी बरती जा रही है। अधिकारियों की माने तो यह कोई नई समस्या नहीं है। लंबे समय से देश के कई राज्य इसका सामना कर रहे हैं। इस साल टिड्डी दल का प्रकोप 26 साल में सबसे भयावह है। केंद्रीय गृह मंत्रालय के अनुसार जिलों में टिड्डी दल पर काबू पाने के लिए तमाम कदम उठाए गए हैं। टिड्डियों को नियंत्रित करने के लिए कीटनाशक का छिड़काव करने को कर्मी वाहन के साथ अलर्ट मोड में हैं। चारों तहसील को कवर करने के लिए माइक्रो प्लान बनाया गया है। यदि टिड्डी दल जिले में प्रवेश करता है तो तत्काल वहां छिड़काव को वाहन पहुंचेगा। टिड्डियां जैसे-जैसे आगे बढ़ रही हैं, किसानों के माथे पर चिता की लकीरें भी गहराती जा रही हैं। जानकारों की मानें तो एक छोटा टिड्डी दल दिनभर में दस हाथियों के बराबर फसलें चट कर जाता है। जिला कृषि अधिकारी संजेश कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि फायर ब्रिगेड के पांच छोटे-बड़े वाहन और नगर पालिका समेत सभी नगर पंचायतों के वाहन कीटनाशक के छिड़काव को तैयार हालत में खड़े हैं।
टिड्डी दल की स्थिति
-15 किमी. प्रति घंटे की रफ्तार से उड़ती हैं टिड्डियां।
-एक दिन में 150 किमी तक की दूरी नापने में सक्षम।
-8 करोड़ के झुंड में टिड्डियां फसलों पर कर सकती हैं हमला।
कितना नुकसान
-2 ग्राम फसल खाने की क्षमता रखती हैं प्रत्येक टिड्डी।
-1 वर्ग किमी बड़े दल में चार करोड़ टिड्डियां मौजूद।
-35 हजार लोग,20 ऊंट,10 हाथी के बराबर फसल चट कर सकता दल। इन फसलों को है खतरा
-फल, सब्जी, अनाज, फूल, पत्ती, बीज, पेड़ की छाल, टहनियां खाती हैं ।
-हजारों की संख्या में टिड्डियों के लदने से कई छोटे पौधे नष्ट भी हो जाते हैं।
-गन्ने, आम, सरसों, सौंफ, आलू, जैसी फसलों को ज्यादा नुकसान की आशंका।