मंडराते बादल देख दिनभर सहमे रहे किसान

दिन में गर्म और शाम व रात में ठंडक शुरू हो गई है। फसल की कटाई में जुटे किसानों की चिंता बढ़ गई है।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 22 Oct 2020 04:49 PM (IST) Updated:Thu, 22 Oct 2020 04:49 PM (IST)
मंडराते बादल देख दिनभर सहमे रहे किसान
मंडराते बादल देख दिनभर सहमे रहे किसान

जागरण संवाददाता, बस्ती : बदलते मौसम से किसान सहम गए हैं। गुरुवार को आसमान में दिनभर बादल छाये रहे। यह देख खेती-किसानी के कार्य में जुटे किसानों के चेहरे पर चिता की लकीर खींच गई हैं। हालांकि मौसम विभाग ने साफ किया कि बारिश का कोई अनुमान नहीं है। यह किसानों के लिए राहत भरी खबर है।

गुरुवार को सुबह धूप निकला लेकिन दोपहर होते-होते मौसम में उतार-चढ़ाव दिखने लगा। मौसम के बदलते करवट से किसान परेशान हुए। धूप-छांव का खेल शुरू हुआ जो शाम तक चलता रहा। बीच-बीच में ऐसा भी लगा कि बारिश होने वाली है। हालांकि बिना बरसे ही बादल वापस चले गए। कृषि वैज्ञानिक जहां इस मौसम को धान की फसल के लिए उपयुक्त बता रहे है वहीं, चिकित्सक इस मौसम से बचाव के लिए लोगों को सतर्क कर रहे हैं। कटाई व मड़ाई में जुटे किसान मौसम के बदलाव से किसान खेती-किसानी में तेजी से जुट गए हैं। पककर तैयार हुई धान के फसल की कटाई और मड़ाई शुरू हो गई है। किसान इमरान और राममूर्ति ने बताया कि मौसम अभी साफ है इसलिए मड़ाई आसानी से हो जाएगी, यदि बारिश हो गई तो समस्या खड़ी हो जाएगी। पहले से ही धान की फसल अगिया रोग की चपेट में है। औद्यानिक फसलों की बोआई का है अच्छा समय

उद्यान निरीक्षक धर्मेंद्र चंद्र चौधरी ने कहा कि मौसम में बदलाव के चलते आ‌र्द्रता बढ़ी है। ऐसे में यह मौसम औद्यानिक फसलों के लिए उपयुक्त है। लहसुन, प्याज और आलू की बोआई किसानों ने शुरू कर दी है। शिमला मिर्च की खेती में भी किसान जुट गए हैं। किसानों को धान फसल जल्द से जल्द कटाई करके मड़ाई करनी चाहिए।

जिले में तेजी से धान के फसलों की कटाई और मड़ाई शुरू हो चुकी है। मौसम के हिसाब से किसान कटाई करें। फसल अवशेष तकनीक विधि से मिट्टी में मिलाएं न कि जलाएं। इससे पर्यावरण स्वच्छ रहेगा।

अभिषेक प्रजापति, प्रभारी जिला कृषि अधिकारी, बस्ती

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