मशरूम के साथ सब्जी-फल की खेती कर किसान खोले तरक्की के द्वार
गुड़ प्रसंस्करण यूनिट लगाने के लिए किसानों को किया प्रेरित
जागरण संवाददाता, बस्ती : किसानों की आय कैसे बढ़े इसके लिए उन्हें लगातार प्रशिक्षण और गोष्ठी के जरिये जागरूक किया जा रहा है। हर्रैया के नागपुर में मशरूम उत्पादन प्रक्षेत्र का वैज्ञानिकों ने गुरुवार को भ्रमण किया। बाद में कृषि विज्ञान केंद्र बंजरिया की ओर से आयोजित गोष्ठी में मशरूम समेत सब्जी-फल की खेती के लिए किसानों को प्रेरित किया गया।
भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, नई दिल्ली के उप महानिदेशक डा. एके सिंह ने मशरूम उत्पादन का कार्य देखकर प्रसन्नता व्यक्त की। कहा कि वर्षभर मशरूम उत्पादन की तकनीक को बढ़ावा दिया जाए। आइसीएआर की तरफ से मशरूम प्रसंस्करण इकाई जनपद में लगाने व उसकी तकनीक पर उद्योग जगत को प्रशिक्षण दिलवाने का कार्य किया जाएगा। जिससे मशरूम उत्पादक किसानों की आय में वृद्धि हो सके और बाजार की समस्या से जूझ रहे किसानों को निजात मिल सके। डा. एके सिंह ने रूट लेवल पर कृषि विज्ञान केंद्र के कार्यों की सराहना की। किसानों को मशरूम के साथ ही साथ बैकयार्ड पोल्ट्री का कार्य करने पर बल दिया।
नरेंद्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय अयोध्या के कुलपति डा. बिजेंद्र सिंह ने मशरूम के साथ-साथ सब्जी एवं फलों की खेती को बढ़ावा देने पर जोर दिया। वैज्ञानिकों को निर्देश दिए कि भूमिहीन किसानों के लिए उपयुक्त तकनीक का प्रचार-प्रसार करें। विशेषज्ञ की आवश्यकता होने पर विश्वविद्यालय से अनुभवी वैज्ञानिकों को भेजा जाएगा। निदेशक प्रसार प्रो. एपी राव ने कृषि तकनीक हस्तांतरण रूट लेवल पर कृषि विज्ञान केंद्र के कार्य को सराहा। बाद में कृषि विज्ञान केंद्र बंजरिया में बने पालीहाउस एवं फल-पौध नर्सरी का उद्घाटन किया। लांगन फ्रूट एवं ड्रैगन फ्रूट के पौध रोपित किए गए।
मुख्य अतिथि डा. एके सिंह ने आइसीएआर के इनोवेटिव फार्मर, जगजीवनराम इनोवेटिव फार्मर्स, पं. दीन दयाल उपाध्याय अंत्योदय किसान पुरस्कार, चौ. चरण सिंह अवार्ड फार एक्सीलेंस एवं जर्नलिज्म इन एग्रीकल्चरल रिसर्च डेवलपमेंट, वाइब्रेंट गुजरात, जमशेदजी टाटा नेशनल वर्चुअल एकेडेमी फैलोशिप, जगजीवन राम अभिनव किसान पुरस्कार, नवोन्मेषी कृषक पुरस्कार समेत अन्य क्षेत्रों में पुरस्कृत व उत्कृष्ट कार्य करने वाले 22 किसानों को सम्मानित किया। कुलपति ने गुड प्रसंस्करण इकाई शुरू होने पर प्रसन्नता व्यक्त की। कहा कि जैविक किसान खेती को भी बढ़ावा दिया जाए।
उप निदेशक कृषि डा. संजय त्रिपाठी ने कृषि योजनाओं की जानकारी दी। कहा कि भारतीय नस्ल की गाय की एक यूनिट व मिनी सीड प्रोसेसिग प्लांट (खाद्यान्न एवं सब्जी) की इस केंद्र पर स्थापित कराने के लिए सहयोग की आवश्यकता है।
केंद्र के प्राध्यापक एवं अध्यक्ष डा. एसएन सिंह ने कहा प्रदर्शन इकाइयां सुचारू रूप से चल रही है। जिसका लाभ जनपद के किसानों को पूर्णरूप से मिल रहा है। वैज्ञानिक डा. डीके श्रीवास्तव, डा. प्रेम शंकर, डा. आरवी सिंह ने किसानों को जानकारियां दी। प्रगतिशील कृषक आज्ञाराम वर्मा, कर्नल केसी मिश्रा मौजूद रहे।