बालू का अवैध खनन करने वालों से किसान परेशान
बाढ़ के दिनों में भयावह हो जाती है स्थिति
बस्ती: जिले के अतिसंवेदनशील तटबंध को बचाने व बाढ़ में कटान रोकने के लिए लाखों रुपये खर्च किए जाते हैं। बरसात खत्म होते ही खनन माफिया सक्रिय हो जाते हैं। तटबंध और नदी के बीच की जमीन से बालू का अवैध खनन शुरू कर देते हैं। इस वजह से पुन: बाढ आने पर स्थिति भयावह हो जाती है। दुबौलिया के माझा इलाके में एक बार फिर बालू माफिया सक्रिय हो गए हैं। लटेरा गांव के पास ¨रगबांध के निकट सोती में ह्यूमपाइप डालकर रास्ता बना लिया गया है। ¨रगबाध पर के निकट बालू माफिया रात के अधेरे में मजदूरों की सहायता से सैकड़ों ट्राली बालू रोज निकाल रहे हैं। रमनातौफीर, मठिया, पिठिया लस्करी, मोजपुर, नाऊ का पुरवा, उमरिया गांव के पास लगातार अवैध खनन हो रहा है। अवैध खनन के विरोध में लोग एक हफ्ते में दो बार प्रदर्शन भी कर चुके हैं। रमनातौफीर इलाके में तो किसानों के ¨सचित खेत को ही बालू माफिया खोदने से नहीं हिचक रहे हैं। लोगों का कहना है कार्रवाई के नाम पर सिर्फ दिखावा किया जा रहा है। उपजिलाधिकारी हर्रैया शिव प्रताप शुक्ल ने बताया बालू खनन का प्रकरण संज्ञान में है जांच के लिए राजस्व व पुलिस की अलग-अलग टीमें भेजी गई हैं तथा जांच कराई जा रही है। रात में भी छापेमारी की जाएगी। किसी भी हालात में अवैध खनन नहीं होने पाएगा।