परीक्षाओं का टलना सभी को अखर रहा

हाईस्कूल व इंटरमीडिएट मिलाकर 77216 परीक्षार्थी अपना भाग्य अजमाएंगे।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 16 Apr 2021 12:04 AM (IST) Updated:Fri, 16 Apr 2021 12:04 AM (IST)
परीक्षाओं का टलना सभी को अखर रहा
परीक्षाओं का टलना सभी को अखर रहा

जागरण संवाददाता, बस्ती : यूपी बोर्ड की परीक्षाएं कोरोना काल के गाल में समाती नजर आ रही हैं। शासन ने परीक्षा को 20 मई तक स्थगित कर दिया है जो शिक्षकों, अभिभावकों व विद्यार्थियों को अखर रहा है।

परीक्षा टलना किसी को भी अच्छा तो नहीं लग रहा है लेकिन कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच लिए गए फैसले बेहतर मान रहे हैं। जिले में हाईस्कूल में संस्थागत बालक के रूप में 21682 तो 19964 बालिकाएं हैं। व्यक्तिगत परीक्षार्थी के रूप में बालकों की संख्या 113 व 48 बालिकाओं सहित कुल 41807 विद्यार्थी पंजीकृत हैं। इंटरमीडिएट में संस्थागत बालक के रूप में 17021 व बालिका के रूप में 16901 पंजीकृत हैं। व्यक्तिगत बालक के रूप में 978, बालिका के रूप में 509 सहित कुल 35409 विद्यार्थी पंजीकृत हैं। इस तरह हाईस्कूल व इंटरमीडिएट मिलाकर 77216 परीक्षार्थी अपना भाग्य अजमाएंगे। जिसके लिए कुल 143 परीक्षा केंद्र बनाए गए हैं।

प्रधानाचार्य सुजीत कुमार मिश्र, डा.अरविद मिश्र, अनिल कुमार त्रिपाठी, रमेश पाठक बताते हैं कि सरकार ने अगर दूरदर्शिता से काम लिया होता तो यह परीक्षाएं मार्च में कराई जा सकती थी जो सबके लिए हितकर होता। अब कोरोना संक्रमण के दौर में परीक्षाओं का टालना मजबूरी है लेकिन इससे विद्यार्थियों के तैयारी पर प्रभाव पड़ेगा।

अभिभावक मोहन मोदनवाल और एजाज अहमद कहते हैं कि इस संकट के दौर में परीक्षाओं के टालने का निर्णय सही है लेकिन यह बच्चों के भविष्य को प्रभावित करेगा। उनकी अब तक की तैयारी एक बार फिर बाधित हो जाएगी।

विद्यार्थी आंचल शुक्ला, अंशिका वर्मा, निखिल यादव ने बताया कि कोरोना संक्रमण काल में पिछले एक साल से पढ़ाई तो प्रभावित हुई है। अब परीक्षाओं के भी प्रभावित होने से हम लोगों का भविष्य प्रभावित होना तय है। सरकार को चाहिए कि ऐसी व्यवस्था बनाए जिससे किसी भी परीक्षार्थी के जीवन के साथ खिलवाड़ ना होने पाए।

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