संक्रमित होने पर न घबराएं,बेहतर देखभाल व उपचार से जीत सकते हैं कोरोना की जंग
कोविड प्रोटोकाल का ठीक से करें पालन महामारी से मिलेगी निजात
जागरण संवाददाता, बस्ती : जिले में लगातार कोरोना संक्रमितों की संख्या बढ़ रही है। इधर रिकवरी दर भी बढ़ी है। कोरोना से यदि कोई व्यक्ति संक्रमित हो भी जाए तो उसे घबराना नहीं चाहिए। चिकित्सकों के परामर्श लेकर बेहतर देखभाल व उपचार की बदौलत कोरोना से जंग जीत सकते हैं।
कोविड प्रोटोकाल का ठीक से पालन करें। चिकित्सकों के बताए परामर्श को अपनाएं। प्रतिदिन योग करें। शरीर की इम्युनिटी मजबूत करने के लिए विटामिनयुक्त खाद्य पदार्थ का सेवन अधिक करें। लोग वायरस से डरे नहीं बल्कि इससे लड़े। मन में यह ठान लें कि अब कोरोना को भगाना है। संक्रमण काल में सकारात्मक सोच विकसित करें। नकारात्मकता का भाव त्याग दें। दिनचर्या दुरुस्त करें। भोजन में पौष्टिक आहार वाले खाद्य पदार्थों का सेवन अधिक करें। नियमित हाथ धुलते रहें। मास्क लगाने की आदत नहीं छोड़नी है। जो लोग बिना मास्क के घूम रहे हैं, उन्हें सोचना चाहिए और दूसरे के लिए खुद मास्क लगाएं। कोई वस्तु छूने के बाद सैनिटाइजर का इस्तेमाल जरूर करें। साबुन से भी हाथ धुलते रहे। कोर्माबिड वाले जैसे ब्लड प्रेशर, शूगर आदि मरीजों को इस महामारी में अधिक सावधानी बरतें। चिकित्सकों का कहना है कि यदि किन्हीं कारणों से कोई व्यक्ति कोरोना से संक्रमित हो भी जाता है तो आठ दिन में स्वस्थ होकर घर लौट जा रहे हैं। जरूरी नहीं कि वह अस्पताल में जाकर तत्काल भर्ती हो जाए। चिकित्सक से सलाह जरूर लें। चिकित्सकों के अनुसार घर पर ही रहकर कोरोना को हराया जा सकता है। महामारी से निपटने को धैर्य जरूरी :
एसीएमओ डा. फखरेयार हुसैन ने बताया कि कोरोना महामारी में धैर्य जरूरी है। मन को स्थिर करें और इससे निपटने के लिए आगे बढ़ें। यथासंभव घर पर रहे। सुरक्षित रहें। कोविड वैक्सीन जरूर लगवाएं। दिन में गलाला सेंधा नमक अथवा हल्दी के साथ करें। भाप भी लेते रहे। स्वास्थ्य खराब होने पर कोरोना ही न मानें, पहले चिकित्सक से परामर्श लें। उनके बताए अनुसार दवा लें। समस्या हो तो खुद परिवार से एक सप्ताह के लिए अलग हो जाएं। घबराने के बजाए सकारात्मक बने रहें, इससे कोरोना को हराया जा सकता है। फेफड़ों में आक्सीजन की कमी महसूस होने पर चिकित्सक से परामर्श लें। यह महामारी भी जड़ से खत्म होगी। सर्दी, हल्की खांसी, ज्वर का आभास, गले में खरास हो तो भयभीत न हो। हौसला न खोएं। कोरोना के भय को दूर करने में उत्तम चिकित्सा पद्धति जरूरी है। नियमित हाथ धुलते रहें। सैनिटाइजर का प्रयोग करें। मास्क जरूर लगाते रहें। जरूरी कार्य न हो तो बाहर कत्तई न निकलें। पात्र हो तो वैक्सीन जरूर लगवाएं। --
संकट में हैं तो इन नंबरों पर मांगें मदद कोरोना महामारी के दौरान यदि कोई व्यक्ति संकट में हैं तो इमरजेंसी नंबरों पर मदद जरूर मांगें। विकास भवन स्थित कोविड-19 कमांड एवं कंट्रोल सेंटर 24 घंटे सक्रिय है। सेंटर के इस नंबर पर 05542245672 संपर्क कर सकते हैं। इसके अलावा सीएमओ आफिस में कंट्रोल रूम सक्रिय है। 05542-287774 पर फोन करके कोरोना से संबंधित शिकायतें दर्ज करा सकते हैं। कोई संकट में हो तो सहयोग मांग सकते हैं। शहर और गांव में जरूरी स्थलों पर सैनिटाइजेशन के लिए भी इन नंबरों का इस्तेमाल किया जा सकता है। शहर में नगर पालिका तो गांव में पंचायतीराज विभाग सैनिटाइजेशन कराएगा। इसके अलावा डायल-112, एंबुलेंस के लिए 102, 108 पर तथा सीएमओ से संपर्क एवं शिकायत के लिए 8005192643 पर काल कर सकते हैं। जिला अस्पताल के सीएमएस से भी 8005192739, मेडिकल कालेज में एल-टू हास्पिटल प्रभारी से 9415038392 पर व जिलाधिकारी से 9454417528 पर संपर्क किया जा सकता है। इसके अलावा कोरोना संकट काल में इन नंबरों पर 05542245672, 05542245699, 7398372931, 7392828423, 7522065967, 8604579857 पर संपर्क कर सकते हैं।
---- योग अपनाएं, हटाएं तनाव और मन को करें मजबूत
मुख्य योग शिक्षक भारत स्वाभिमान समिति, मुंडेरवा, बस्ती के पंकज मणि त्रिपाठी ने कहा कि ईश्वर ने हमें जन्मजात सात्विक आहार-विहार, विचार व व्यवहार वाला प्राणी बनाया है। इस शरीर को कठोपनिषद में अयोध्या अर्थात हमें जिससे युद्ध नहीं करना चाहिए ऐसा बनाया है पर हम अपनी आदतों के अनुसार शरीर को बना लेते हैं तो रोगों पर नियंत्रण कठिन हो जाता है। ऐसे में हमारी पुरातन संस्कृति हमें अपने प्राचीन स्वरूप में लौटने का संदेश दे रही है जब लोग प्राकृतिक चिकित्सा, यज्ञ योग व आयुर्वेद पर आधारित जीवन जीते थे। ऋषियों का वचन था कि ब्रह्म मुहूर्त में उठना व सैर करना, योगासन करना हमारे शरीर को तो स्वस्थ करता ही है साथ ही हमारे मानसिक स्वास्थ्य को भी ठीक रखता है। मन से अशुभ विचारों को हटा सकते हैं। इसके लिए वज्रासन में बैठकर दोनों हाथ घुटने पर रखें फिर सांस भरते हुए दोनों हाथों को सिर की ओर उठाते हुए अपने सामर्थ्य के अनुसार पीछे की ओर ले जाएं। फिर धीरे-धीरे सांसों को छोड़ते हुए वापस हाथों को जमीन पर टिकाते हुए माथा भी जमीन पर टिका दें। सांसों को रोककर 10 सेकेंड रुकने का प्रयास करें पुन: सांस भरते हुए अपनी पूर्व स्थिति में आ जाए। इस प्रकार कम से कम तीन अधिकाधिक 21 अभ्यास तक कर सकते हैं। इससे फेफड़ों पर बल पड़ता है जिससे उनमें स्थिति प्रकोष्ठ खुलने लगते हैं और श्वसन तंत्र में ज्यादा आक्सीजन भरती है। इस क्रिया में नाभि, हृदय व पूरा पाचन तंत्र प्रभावित होता है जिससे बीपी, शुगर व पाचन क्रिया ठीक हो जाती है। हार्निया, तेज कमर दर्द, अल्सर वाले रोगी व गर्भवती महिलाओं को यह अभ्यास नहीं करना चाहिए।
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मंदिरों में जाने से बचें, घर में ही करें पूजा
दुबौलिया ब्लाक के पकड़ी चौहान के पं रामकरन त्रिपाठी ने लोगों से आह्वान किया कि कोरोना संक्रमण काल में पूजा-पाठ में बहुत अधिक सर्तकता बरतने की जरूरी है। बचाव जरूरी हो गया है। यदि संभव हो तो कुछ दिन मंदिरों में जाने से बचें। घर में ही पूजा-पाठ करें। यदि कहीं पूजा-पाठ के लिए जा भी रहे हैं तो बचाव के साथ अर्चन करें। घर में मन से पूजा करने पर उतना ही फल मिलेगा जितना कि मंदिर में जाकर पूजन-अर्चन करने से होगा। श्रद्धाभाव से पूजा पाठ करने से हर जगह फल मिलेगा। लोगों का भी कर्तव्य है कि इस महामारी की लड़ाई में साथ दें और खुद सुरक्षित हो और दूसरे को भी सुरक्षित करें। महामारी रोकने में सबका सहयोग जरूरी है। संकट के इस दौर में भरोसा कायम रखें। धैर्य, संयम से कार्य करें।
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जिले में कोविड अस्पताल की स्थिति
- रिक्त बेड की सूचना
- एल-वन अस्पताल सीएचसी मुडेरवा- 40 बेड रिक्त है
- आश्रय स्थल बस्ती - 50 बेड रिक्त है
- आश्रम पद्धति विद्यालय भानपुर -100 बेड रिक्त है
- कैली में आइसीयू बेड 90 बेड, सभी फुल
- कैली में सामान्य बेड 210 (आक्सीजनयुक्त)- 51 भर्ती
- कैली में टोटल 141 मरीज भर्ती, 110 बेड रिक्त है - कैली में आक्सीजनयुक्त बेड 19 रिक्त है
- कैली में आक्सीजन के 160 सिलेंडर उपलब्ध है जो (शाम पांच बजे तक) तीन घंटे तक चलेगा -- -
आक्सीजन के लिए प्रतिदिन 389 सिलेंडर की डिमांड भेजी जा रही है। मांग के अनुसार आक्सीजन नहीं मिल पा रहा है। हालांकि प्रशासन नियमित अंतराल पर वाहन को भेजकर संतकबीरनगर, गोरखपुर व टांडा से सिलेंडर भरवा रहा है। वैकल्पिक व्यवस्था में सीएचसी-पीएचसी और महिला अस्पताल के भी आक्सीजन सिलेंडर कैली में मंगवा लिए गए हैं। बैकअप में 160 आक्सीजन सिलेंडर उपलब्ध है।