कर्मचारी व शिक्षक संगठन एक हुए,बनाई आंदोलन की रणनीति

विभिन्न संगठनों के साझा बैठक में पुरानी पेंशन नीति को बहाल किये जाने राज्य कर्मचारियों के रोके गये भत्तों को दिये जाने दीन दयाल कैशलेश चिकित्सा की सुविधा दिये जाने दैनिक वेतन वर्क चार्ज संविदा आउट सोर्सिंग के कर्मचारियों को नियमित किये जाने सहित कर्मचारी शिक्षक संगठनों के अनेक मांगों का मुद्दा छाया रहा।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 26 Sep 2021 11:45 PM (IST) Updated:Sun, 26 Sep 2021 11:45 PM (IST)
कर्मचारी व शिक्षक संगठन एक हुए,बनाई आंदोलन की रणनीति
कर्मचारी व शिक्षक संगठन एक हुए,बनाई आंदोलन की रणनीति

बस्ती : कर्मचारी, शिक्षक, अधिकारी एवं पेंशनर्स अधिकार मंच की बैठक रविवार को विकास भवन सभाकक्ष में प्राथमिक शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष चन्द्रिका सिंह की अध्यक्षता में हुई। बैठक में पुरानी पेंशन नीति बहाल किये जाने सहित 11 सूत्रीय मांगो को लेकर आन्दोलन की रणनीति तय की गई। प्रदेश नेतृत्व के आह्वान पर आन्दोलन के प्रथम चरण में 5 अक्टूबर मंगलवार को शिव हर्ष किसान पीजी कालेज परिसर से दिन में 12 बजे मोटर साइकिल जुलूस निकाला जायेगा। जुलूस प्रमुख मार्गों से होते हुये जिलाधिकारी कार्यालय पहुंचेगा जहां डीएम के माध्यम से मुख्यमंत्री को 11 सूत्रीय मांग पत्र भेजा जायेगा।

बैठक में राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद जिलाध्यक्ष मस्तराम वर्मा,परिषद के वरिष्ठ उपाध्यक्ष राम अधार पाल,माध्यमिक शिक्षक संघ अध्यक्ष शिवपाल सिंह, कलेक्ट्रेट मिनिस्ट्रीयल कर्मचारी संघ के अध्यक्ष अशोक मिश्र, डिप्लोमा इंजीनियर्स महासंघ के अध्यक्ष इं. अभिषेक सिंह, कोषागार कर्मचारी संघ अध्यक्ष अखिलेश पाठक, स्टेनोग्राफर महासंघ सचिव डी.एन. वर्मा, ग्राम विकास अधिकारी संघ के मण्डल अध्यक्ष राकेश पाण्डेय, राजस्व संग्रह अमीन संघ अध्यक्ष सन्तोष शुक्ल, दीवानी न्यायालय कर्मचारी संघ के मंत्री चन्द्र मोहन श्रीवास्तव, सफाई कर्मचारी संघ मंत्री मंशा राम, चकबंदी लेखपाल संघ के मंत्री अनिल चौधरी, प्राथमिक शिक्षक संघ के जिला मंत्री बालकृष्ण ओझा, विकास भवन कर्मचारी संघ अध्यक्ष अजीत सिंह के साथ ही अनेक संगठनों के पदाधिकारियों ने सम्बोधित किया। वक्ताओं ने एक स्वर से कहा कि सरकार एस्मा लागू करके कर्मचारियों की आवाज को दबाना चाहती है किन्तु इसे बर्दाश्त नहीं किया जायेगा। पिछले चार वर्ष से लगातार कर्मचारी, शिक्षक हितों की अनदेखी जा रही है।

विभिन्न संगठनों के साझा बैठक में पुरानी पेंशन नीति को बहाल किये जाने, राज्य कर्मचारियों के रोके गये भत्तों को दिये जाने, दीन दयाल कैशलेश चिकित्सा की सुविधा दिये जाने, दैनिक वेतन, वर्क चार्ज, संविदा, आउट सोर्सिंग के कर्मचारियों को नियमित किये जाने सहित कर्मचारी, शिक्षक संगठनों के अनेक मांगों का मुद्दा छाया रहा। निर्णय लिया गया कि यदि सरकार ने शीघ्र मांगों को पूरा न किया तो आगामी 28 अक्टूबर को बस्ती समेत समूचे प्रदेश के जिला मुख्यालयों पर धरना प्रदर्शन कर ज्ञापन दिया जायेगा। 30 नवम्बर को लखनऊ के ईको पार्क में आयोजित होने वाले महारैली में लाखों की संख्या में कर्मचारी शिक्षक अपने हक की मांग को लेकर जुटेंगे। बैठक का संचालन संयुक्त परिषद के जिला मंत्री तौलू प्रसाद ने किया।

बैठक में मुख्य रूप से शिव प्रकाश सिंह, मनोज यादव, ओंकार सिंह, प्रवीन श्रीवास्तव, राम सकल यादव, सुधीर तिवारी, गिरीश चन्द्र चौबे, धर्मेन्द्र चौधरी, फैजान अहमद, रामशंकर चौधरी, दीप मणि शुक्ल, श्याम करन यादव, रणंजय सिंह, आशीष कुमार, प्रदीप यादव, सुरेश गौड़, डी.पी. सिंह, अमरेश श्रीवास्तव, राजेश कुमार, रामचरन, भूपेन्द्र सिंह, श्रवण कुमार सिंह, सन्तोष सिंह, अनुरोध श्रीवास्तव, सनद पटेल, अरूण सक्सेना, राजेन्द्र चौधरी, चन्द्रमणि त्रिपाठी, मक्खन लाल, देवेन्द्र सिंह, विकास भट्ट, मुक्तेश्वर यादव आदि शामिल रहे।

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