धरना प्रदर्शन कर कर्मचारियों ने सरकार को चेताया

पुरानी पेंशन योजना को बहाल करने की मांग को लेकर बुधवार को 21 संगठनों से जुड़े कर्मचारियों ने कलेक्ट्रेट परिसर में संयुक्त रूप से धरना प्रदर्शन कर सरकार को चेताया। बाद में राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और राज्यपाल को डीएम के जरिए ज्ञापन भेज अपना हक मांगा

By JagranEdited By: Publish:Wed, 05 Sep 2018 11:37 PM (IST) Updated:Wed, 05 Sep 2018 11:37 PM (IST)
धरना प्रदर्शन कर कर्मचारियों ने सरकार को चेताया
धरना प्रदर्शन कर कर्मचारियों ने सरकार को चेताया

बस्ती: पुरानी पेंशन योजना को बहाल करने की मांग को लेकर बुधवार को 21 संगठनों से जुड़े कर्मचारियों ने कलेक्ट्रेट परिसर में संयुक्त रूप से धरना प्रदर्शन कर सरकार को चेताया। बाद में राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और राज्यपाल को डीएम के जरिए ज्ञापन भेज अपना हक मांगा।

पुरानी पेंशन योजना बहाल करने की एक सूत्रीय मांग को लेकर 21 कर्मचारी, शिक्षक संगठनों ने संयुक्त संघर्ष संचालन समिति के बैनर तले बुधवार को प्राथमिक शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष उदयशंकर शुक्ल की अगुवाई में कलेक्ट्रेट परिसर में धरना प्रदर्शन किया। शिक्षक नेता ने कहा कि पेंशन कर्मचारियों के बुढ़ापे की लाठी है। मात्र एक बार जन प्रतिनिधि चुने जाने पर सांसद, विधायकों के आजीवन पेंशन दिए जाने का प्राविधान है किन्तु पूरा जीवन खपा देने वाले सरकारी कर्मचारियों से उनके पेंशन का अधिकार छीन लेना पूरी तरह से सामाजिक न्याय के विरूद्ध है। कहा कि अच्छा हो कि केंद्र सरकार देश व्यापी आंदोलन को देखते हुये पुरानी पेंशन नीति बहाल करे। संयोजक सुनील कुमार पांडेय, रामस्वारथ चौधरी, अनिरूद्ध त्रिपाठी, का. केके तिवारी, चंद्र प्रकाश पांडेय, शैल शुक्ल, बब्बन पांडेय, शिवशंकर कुमार, राजकुमार ¨सह, अभिषेक उपाध्याय, चंद्रभान चौरसिया, महेश कुमार ने कहा कि सरकार कर्मचारियों की मांगों पर शीघ्र विचार करे। सफाई कर्मचारी संगठन के जिलाध्यक्ष अतुल कुमार पांडेय, फूलमती चौधरी, आशा देवी, देवेंद्र वर्मा, संतोष शुक्ल, इन्द्रसेन ने कहा कि पेंशन उनका अधिकार है और उन्हें मिलना चाहिए। कर्मचारी नेता मनीष कुमार, राम प्रकाश शुक्ल, मंजू गुप्ता, गौरीशंकर, हेरम्बनाथ त्रिपाठी, दिवाकर ¨सह, राघवेन्द्र ¨सह, विजय प्रकाश चौधरी, अशोक ¨सह, योगेश्वर प्रसाद शुक्ल, आनन्द दूबे, प्रमोद ओझा, उमाशंकर मणि, विष्णुदत्त शुक्ल, सत्यराम, अब्दुल रहीम, मौलाना कमाल अहमद, बाल्मीक ¨सह, तौव्वाब अली, वेद प्रकाश, शिवकुमार तिवारी, सतीश शंकर शुक्ल, विनोद यादव, स्कंद मिश्र, अब्दुल महकम, मनोज कुमार श्रीवास्तव आदि ने भी अपने विचार व्यक्त किए। इस मौके पर प्रमोद पासवान, राजेश चौधरी, शारदा प्रसाद चतुर्वेदी, आरपी. ¨सह, रेखा देवी, सोमईराम आजाद, दिनेश वर्मा, कन्हैयालाल भारती, राजेश कुमार पाण्डेय, त्रिलोकीनाथ, मारूफ अहमद, इंद्रमणि मिश्र, सत्य प्रकाश शुक्ल, शेषराम चौधरी, असलम अंसारी, विश्वम्भर, सुनील कुमार, अवनीश तिवारी, सत्य प्रकाश शुक्ल, उषा कुशवाहा, लालजी निषाद, महेश चौधरी, राघव प्रसाद, अनुराग श्रीवास्तव, अंबिका प्रसाद पाण्डेय, रेनू लता, ओम प्रकाश, सीमा चौरसिया, मालती देवी, नीलम पाठक, किरन पाण्डेय, बद्री विशाल, राजीव कुमार पाण्डेय, नवनीत कुमार मालवीय, जमाल अहमद, परशुराम तिवारी, ज्ञानेश्वर शुक्ल, जाकिर हुसेन, चन्द्रमती देवी, रीता श्रीवास्तव, राकेश कुमार, रमापति तिवारी, प्रमोद पासवान आदि मौजूद रहे।

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