नपा कर्मियों को भी नहीं मिल रहा न्याय

जन शिकायतों के निस्तारण में नगर पालिका के जिम्मेदार खूब बाजीगरी दिखा रहे हैं।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 08 Sep 2018 11:09 PM (IST) Updated:Sat, 08 Sep 2018 11:09 PM (IST)
नपा कर्मियों को भी नहीं मिल रहा न्याय
नपा कर्मियों को भी नहीं मिल रहा न्याय

बस्ती : जन शिकायतों के निस्तारण में नगर पालिका के जिम्मेदार खूब बाजीगरी दिखा रहे हैं। पोर्टल पर दर्ज शिकायतों के बोझ तले कराह रहे अधिकारी जैसे-तैसे मामले को निबटाना चाहते हैं। पोर्टल पर शिकायत के बाद भी समस्या का समाधान न होने से लोगों का इससे भरोसा उठ रहा है। समस्या समाधान का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि नगर पालिका के ही कर्मचारी नपा के जन सुनवाई पोर्टल पर शिकायत दर्ज कराकर न्याय की मांग कर रहे हैं और मामले में मनमानी रिपोर्ट लगाकर निस्तारित कर दिया जा रहा है।

बता दें कि सरकार ने जन शिकायतों के त्वरित निस्तारण और आम जन तक पहुंच बनाने के लिए मुख्यमंत्री जन सुनवाई पोर्टल (आइजीआरएस) की व्यवस्था की गई है। जिस काम के लिए शिकायत की जाती है, वह कार्य नहीं हो पाता। छोटे मामले जैसे सफाई, होर्डिंग हटाने जैसी समस्या के निस्तारण की बात छोड़ दें तो बड़ी समस्याओं का निस्तारण करने में नगर पालिका के जिम्मेदारों के पसीने छूट जा रहे हैं। निर्देश है कि जन शिकायतों का निस्तारण 15 दिन में करके संबंधित को सूचना दी जाए। यदि संबंधित अधिकारी मामले को निस्तारित नहीं कर सकता, तो उसको ऊपर के अधिकारी के पास भेज दिया जाए।

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पोर्टल से टूट रही उम्मीदें, आयोग में लगा रही न्याय की गुहार

- शहर के मालीटोला निवासी भानु प्रकाश चतुर्वेदी ने 21 अगस्त 2017 को आनलाइन शिकायत दर्ज कराते हुए नगर पालिका के जन सूचना अधिकारी द्वारा सूचना न देने पर वेतन से कटौती के निर्देश के बाद भी कटौती न किए जाने की शिकायत की। मामला एडीएम तक पहुंचा। शिकायत को 12 दिसंबर 2017 को निस्तारित दिखा दिया गया। कहा गया कि कड़े निर्देश के साथ कार्रवाई कराई जा रही है, पर ऐसा हुआ नहीं, अब वह आयोग में अपील किए हैं।

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- नगर पालिका के कर्मचारी सत्यदेव शुक्ल ने 7 अगस्त 2018 को आनलाइन शिकायत दर्ज कराई। शासनादेश के अनुसार टैक्स कलेक्टर का वेतन निर्धारित किए जाने की मांग की। शिकायतकर्ता का कहना है कि नगर पालिका ने तथ्यों को छुपाकर गलत तरीके से प्रकरण को 22 अगस्त 2018 को निस्तारित कर दिया। जबकि मामला हल नहीं हुआ। पुन: पोर्टल पर अपील करेंगे। न्याय न मिलने पर आयोग जाएंगे ।

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- पालिका कर्मी ओम प्रकाश पांडेय ने 2 जुलाई 2018 को आनलाइन शिकायत दर्ज कराते हुए पालिका के महत्वपूर्ण पटल पर लंबे समय से जमे लिपिकों को शासनादेश के अनुसार पटल परिवर्तन की मांग की, बताया कि फर्जी तरीके से आख्या लगाकर मामले को निस्तारित करा दिया गया। जबकि पालिका में जो पहले से पटल देख रहे थे, वही अब भी देख रहे हैं। मामले की वह शिकायत पुन: करेंगे।

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- शहर के खीरीघाट निवासी डा. प्रदीप कुमार ¨सह ने नपा में 19 अगस्त को 2018 को आनलाइन शिकायत दर्ज कराते हुए पचपेड़िया मार्ग के गड्ढों को भरवाने की मांग की। समस्या को देखते हुए इसे तत्काल कराने को कहा गया पर, 15 दिन से अधिक समय हो गया, कोई कार्रवाई नहीं हुई। कर्मचारी संपर्क तक नहीं किए, न ही जवाब आया। मामले का निस्तारण न होने पर पुन: अपील की तैयारी में हैं।

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पोर्टल पर आने वाली शिकायतों के निस्तारण का समय निर्धारित होता है। 15 दिन में मामले को निस्तारित करके जवाब दिया जाता है। कई ऐसे मामले होते हैं जो तत्काल नहीं हो पाते, चूंकि वह बजट से संबंधित होते हैं। ऐसे में उनका प्रस्ताव बोर्ड में बनाकर भेजा जाता है। सफाई समेत अन्य छोटे कार्य तत्काल करा दिए जाते हैं। जहां तक मामले को निस्तारित करने में फर्जी तरीका अपनाने की बात है तो इसकी जांच कराई जाएगी।

डा. मणि भूषण तिवारी, ईओ नगर पालिका

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