नौ माह से पांच साल तक जरूर पिलाएं विटामिन-ए की खुराक

बालरोग विशेषज्ञ डा. पीके श्रीवास्तव ने बताया कि विटामिन ए की मौजूदगी से प्रतिरोधक क्षमता में इजाफा होता है। आंखों की परत अर्थात कार्निया सुरक्षित रहती है। आखों को रतौंधी से बचाता है। बाल मृत्यु दर में भी कमी आती है। खसरा मलेरिया दस्त से होने वाली मौत में कमी आती है। इस समय सबसे बड़ी समस्या कुपोषण की है। विटामिन ए कुपोषण को दूर कर शरीर के विकास में सहायक होता है।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 01 Aug 2021 11:00 PM (IST) Updated:Tue, 03 Aug 2021 12:34 AM (IST)
नौ माह से पांच साल तक जरूर पिलाएं विटामिन-ए की खुराक
नौ माह से पांच साल तक जरूर पिलाएं विटामिन-ए की खुराक

बस्ती : जिले में विटामिन ए संपूर्ण कार्यक्रम का शुभारंभ जिला महिला अस्पताल में प्रभारी सीएमओ डा. फखरेयार हुसैन ने फीता काटकर व एक बच्चे को विटामिन ए की खुराक पिलाकर किया। अभियान के दौरान जिले में कुल 3.70 लाख बच्चों को खुराक पिलाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। प्रभारी सीएमओ ने कहा कि नौ माह से पांच साल तक के बच्चों को साल में दो बार विटामिन ए की खुराक जरूर पिलवाएं। अभियान के दौरान इसी उम्र के बच्चों को खुराक पिलाई जानी है।

बताया कि विटामिन ए वसा में एक घुलनशील विटामिन है, जो शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है। कोविड काल को देखते हुए इसे सभी पात्र बच्चों को पिलाया जाना जरूरी है। कोविड से बचाव में रोग प्रतिरोधक क्षमता की महत्वपूर्ण भूमिका है। प्रदेश में एक से चार साल तक के लगभग 17 फीसद बच्चे विटामिन ए की कमी से जूझ रहे हैं। नौ माह से पांच साल के बीच नौ बार विटामिन ए की खुराक दिए जाने से बच्चों की प्रतिरोधक क्षमता में बढ़ोत्तरी होती है और वह स्वस्थ होते हैं। विटामिन ए के अतिरिक्त इस उम्र के बच्चों को एनीमिया से बचाव के लिए आइएफए सीरप का भी वितरण किया जाएगा। जिला महिला अस्पताल की सीएमएस डा. सुषमा सिन्हा, नोडल अधिकारी नगरीय क्षेत्र डा. एके कुशवाहा, डा. पीके श्रीवास्तव, यूनिसेफ के मंडलीय कोआर्डिनेटर मनोज कुमार श्रीवास्तव, यूनिसेफ के डीएमसी आलोक राय, एपी श्रीवास्तव आदि मौजूद रहे। यह खुराक है निर्धारित

नौ माह से 12 माह एक एमएल (आधा चम्मच), 16 से 24 माह- दो एमल, दो से पांच वर्ष- दो एमएल विटामिन ए के फायदे

बालरोग विशेषज्ञ डा. पीके श्रीवास्तव ने बताया कि विटामिन ए की मौजूदगी से प्रतिरोधक क्षमता में इजाफा होता है। आंखों की परत अर्थात कार्निया सुरक्षित रहती है। आखों को रतौंधी से बचाता है। बाल मृत्यु दर में भी कमी आती है। खसरा, मलेरिया, दस्त से होने वाली मौत में कमी आती है। इस समय सबसे बड़ी समस्या कुपोषण की है। विटामिन ए कुपोषण को दूर कर शरीर के विकास में सहायक होता है।

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