गो-हत्या की इजाजत इस्लाम में नहीं : शाही इमाम

लखनऊ के शाही इमाम एवं इस्लामिक सेंटर आफ इंडिया के चेयरमैन हजरत मौलाना खालिद ने अपनी राय दी

By JagranEdited By: Publish:Sun, 18 Nov 2018 10:37 PM (IST) Updated:Sun, 18 Nov 2018 10:37 PM (IST)
गो-हत्या की इजाजत इस्लाम में नहीं : शाही इमाम
गो-हत्या की इजाजत इस्लाम में नहीं : शाही इमाम

बस्ती : लखनऊ के शाही इमाम एवं इस्लामिक सेंटर आफ इंडिया के चेयरमैन हजरत मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने कहा कि गाय ¨हदुओं की आस्था से जुड़ी हैं। यदि गो-हत्या पर पाबंदी है तो हमारी कौम भी इस पर अमल करें। किसी भी समुदाय के आस्था का सम्मान होना चाहिए। इस्लाम में भी गो-हत्या की इजाजत नहीं दी गई है। मुस्लिमों को भी चाहिए कि वह गो-मांस से परहेज करें।

शाही इमाम रविवार को एक निजी अस्पताल के उद्घाटन अवसर पर यहां आए थे। अपने उद्बोधन में उन्होंने कौम को तमाम नसीहत भरी सलाह दी। कहा कि लखनऊ के फरंगी महली की ओर से वर्ष 1930 में महात्मा गांधी को पत्र लिखा गया था। जिसमें साफ उल्लेख था कि मुस्लिम गो-हत्या से परहेज करेगा। लखनऊ शाही इमाम की गद्दी ने हमेशा से यह संदेश दिया है कि हम आस्था से जुड़े पशुओं का सेवन नहीं करेंगे। मजहब के लोगों को इससे दूर रहना चाहिए। सभी मजहब को मानना चाहिए। किसी भी मजहब के प्रति तफरका के बजाए इज्जत का माहौल बनाना चाहिए। खुदा ने हम सभी को प्यार, मोहब्बत और इंसानियत के साथ जीने के लिए भेजा है। समाज में अच्छा संदेश पहुंचाए। मुस्लिम कौम में शिक्षा का अभाव है। जागरूकता लाए और शिक्षा को व्यापक रूप दे। कहा 26 जनवरी 2019 से शुरु होने वाले सरकार रूबेला टीकाकरण अभियान में मुस्लिम कौम भी हिस्सा लें। 9 से 15 माह तक के बच्चों का टीकाकरण अवश्य कराया जाए। किसी तरह की भ्रांतियों में पड़ने की जरूरत नहीं है। सरकार के अभियान से जुड़कर हम अपने बच्चों को बेहतर स्वास्थ्य प्रदान करें।

एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि राम मंदिर के निर्माण से उन्हें कोई परहेज नहीं है। लेकिन न्यायालय के फैसले का इंतजार होना चाहिए। यदि आपसी सुलह समझौता हो रहा है तो यह भी न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया जाना चाहिए। कानून कोई न तोड़े। जो भी फैसला आए उसे दोनों पक्ष मानें।

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