एक दशक से बदहाल सड़क की नहीं हुई मरम्मत, राहगीर परेशान
हर्रैया क्षेत्र की सड़कें बदहाल
जागरण टीम हर्रैया, बस्ती: तहसील क्षेत्र की तमाम सड़कें वर्षों से अपनी दुर्दशा पर आंसू बहा रही हैं। सरकार जहां गांव के लोगों को आवागमन की बेहतर सुविधा देने के लिए सड़कों की मरम्मत कराकर चकाचक करने की बात कर रही है, वहीं धरातल पर ग्रामीण सड़कों का बुरा हाल है। अधिकतर सड़कें गड्ढे में तब्दील होकर राहगीरों के लिए मुसीबत का सबब बनी हुई हैं। तहसील क्षेत्र के हर्रैया थाने के बगल से हाईवे को जोड़ने वाली खम्हरिया गंगाराम की सड़क जगह-जगह टूटकर गड्ढों में तब्दील हो गई है। दो दशक पहले प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत 40 लाख 53 हजार रुपये की लागत से ग्रामीण अभियंत्रण सेवा द्वारा निर्माण कराया गया था। पिछले एक दशक में कोई मरम्मत का कार्य नहीं हुआ है। राहगीर अखिलेश वर्मा, सीताराम, मोतीचंद्र सैनी, राहुल कुमार, गौरव सिंह आदि ने बताया कि सड़क जर्जर होने के चलते आए दिन राहगीर चोटहिल भी हो रहे हैं। यह सड़क दर्जनों गांवों के लोगों को हाईवे से जोड़ती है। अब तक किसी भी जिम्मेदार ने इस सड़क की मरम्मत के लिए जहमत नहीं उठाई। परशुरामपुर विकास क्षेत्र के सिकंदरपुर बाजार से छेदियापारा मार्ग भी गड्ढों में तब्दील हो गया है। इस सड़क के दोनों किनारे पर बसे गांव के लोगों को सिकंदरपुर में बाजार करने आना पड़ता है। तीन किलोमीटर लंबे इस मार्ग के जर्जर होने से उन्हें काफी दिक्कत होती है। इस सड़क का निर्माण वर्ष 2013 में उत्तर प्रदेश व्यापार विकास निधि के अंतर्गत प्रांतीय खंड लोक निर्माण विभाग की देख रेख में कराया गया था। उसके बाद इस सड़क पर गड्ढामुक्त योजना में भी कोई कार्य नहीं करवाया गया। ग्रामीणों की मानें तो इस मार्ग की मरम्मत के लिए जनप्रतिनिधियों तथा जिले के अधिकारियों को कई बार पत्र देकर मार्ग के मरम्मत की मांग की गई थी। अब तक इस सड़क की किसी ने सुधि नहीं ली।