स्नान के बाद श्रद्धालुओं ने किया दान

पौराणिक नदियों में लगाई गई आस्था की डुबकी दान-पुण्य के साथ सुख समृद्धि की हुई कामना

By JagranEdited By: Publish:Mon, 30 Nov 2020 10:53 PM (IST) Updated:Mon, 30 Nov 2020 10:53 PM (IST)
स्नान के बाद श्रद्धालुओं ने किया दान
स्नान के बाद श्रद्धालुओं ने किया दान

जागरण टीम, बस्ती : कार्तिक पूर्णिमा का पर्व सोमवार को अटूट आस्था एवं श्रद्धा के साथ मनाया गया। सुबह से पौराणिक नदियों एवं सरोवर के तटों पर श्रद्धालु एकत्र होने लगे। श्रद्धालुओं ने आस्था की डुबकी लगाई। पूजन-अर्चन के बाद दान-पुण्य का सिलसिला पूरे दिन चला। लोगों ने सुख, समृद्धि एवं निरोगी होने की कामना की।

कलवारी संवाददाता के अनुसार सरयू नदी के टांडा घाट पर श्रद्धालुओं का आना जाना बना रहा। यहां स्नान, ध्यान के बाद लोगों ने गोदान किया। अन्न, वस्त्र, मिष्ठान का भी दान किया गया। क्षेत्र के बैड़ारी, भेड़वा, महुआपार, सहारनपुर, गोसैसीपुर, चरकैला उमरिया, डेल्हवा, गायघाट, कोरमा, पांऊ, चकदहा, कलवारी, कुसौरा, अगौना, मिश्रौलिया आदि गांवों के लोग टांडा घाट पर पहुंचकर स्नान किए। महिलाओं ने नदी के तट पर मां सरयू को कड़ाही भी चढ़ाया। इस दौरान भजन, कीर्तन भी हुआ।

कुदरहा संवाददाता के अनुसार सरयू नदी के नौरहनी घाट पर भोर से ही श्रद्धालुओं का तांता लगना शुरू हो गया। आस्था की डुबकी लगाने के बाद विधि विधान से पूजा अर्चन किया गया। गो-दान के साथ पूड़ी-लपसी का प्रसाद चढ़ाया गया। राम चरित मानस का पाठ एवं अनुष्ठान भी आयोजित हुए। यहां पूरे दिन माहौल भक्तिमय बना रहा। लालगंज संवाददाता के अनुसार सरयू-कुआनो के पावन संगम तट पर श्रद्धालुओं ने आस्था की डुबकी लगाई। पूजन-अर्चन का दौर पूरे दिन यहां जारी रहा। बाबा मुकक्षेश्वरनाथ शिव मंदिर पर जलाभिषेक हुआ। क्षेत्र के मैनदी और चहोड़ा घाट पर भी श्रद्धालुओं का आना जाना लगा रहा। वहीं बानपुर कस्बे में मेले का आयोजन हुआ। यहां श्रद्धालुओं ने घरेलू सामान, मिठाई, खिलौनों की खरीदारी की। कोरोना की वजह से भीड़ रही प्रभावित

कोरोना की वजह से कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर पौराणिक नदियों के तटों पर भीड़ कम रही। लोग दो गज दूरी के पालन के साथ पूजन-अर्चन कर रहे थे। वहीं इस बार श्रद्धालु अयोध्या के पवित्र सरयू तट पर भी नहीं जा सके। तमाम श्रद्धालुओं ने घर पर ही विधि विधान से पूजन-अर्चन किया।

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