सामूहिक स्वच्छता के प्रति उत्तरदायी हो आमजन

अध्यक्ष ने बताया कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने स्वच्छ भारत की आधारशिला रखी थी। उनका सपना था कि स्कूलों में बच्चों को स्वच्छता का पाठ पढ़ाया जाए जिससे देश के सभी नागरिक मिलकर घर आंगन सड़क जलाशयों शौचालयों को साफ सुथरा रखें जिससे निरोगी स्वच्छ एवं स्वस्थ समाज की स्थापना हो सके।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 12 Oct 2021 11:52 PM (IST) Updated:Tue, 12 Oct 2021 11:52 PM (IST)
सामूहिक स्वच्छता के प्रति उत्तरदायी हो आमजन
सामूहिक स्वच्छता के प्रति उत्तरदायी हो आमजन

बस्ती : कृषि विज्ञान केंद्र बंजरिया में मंगलवार को विशेष राष्ट्रीय स्वच्छता अभियान के तहत अपशिष्ट प्रबंधन से खुशहाली कार्यक्रम का आयोजन किया गया। अध्यक्ष डा.एसएन सिंह ने कहा कि महात्मा गांधी ने यह सीख दी थी कि यदि सामूहिक स्वच्छता के प्रति उत्तरदायित्व का बोध नहीं हो तो ऐसी स्वच्छता सिर्फ दिखावा है। उन्होंने गंदगी न फैलाने पर जोर दिया और समाज के प्रत्येक सदस्य को फैली हुई गंदगी की सफाई करने के लिए प्रेरित किया।

अध्यक्ष ने बताया कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने स्वच्छ भारत की आधारशिला रखी थी। उनका सपना था कि स्कूलों में बच्चों को स्वच्छता का पाठ पढ़ाया जाए जिससे देश के सभी नागरिक मिलकर घर आंगन, सड़क, जलाशयों ,शौचालयों को साफ सुथरा रखें जिससे निरोगी, स्वच्छ एवं स्वस्थ समाज की स्थापना हो सके। इसके लिए आवश्यक है कि घर के अपशिष्ट एवं फसलों के अवशेषों से जैविक खादों को तैयार करें। फुलवारी एवं खेतों में इस खाद का प्रयोग कर किसान खेती को लाभकारी बना सकते हैं। गृह विज्ञानी वीना सचान ने रसोई के कचरे से खाद बनाने की विधि के बारे में छात्राओं, किसानों, महिलाओं, नवयुवकों को बताया। कहा कि इस खाद में नाइट्रोजन 0.8 से 1.2 फीसद, फास्फोरस एक से दो प्रतिशत, पोटैशियम 0.8 से एक फीसद तक होती है।

फसल विज्ञानी आरवी सिंह ने प्रक्षेत्र अपशिष्ट से कंपोस्टिग करने की तकनीक बताई। प्रक्षेत्र अपशिष्ट से वर्मी कंपोस्ट व कंपोस्ट खाद बनाने की तकनीक बताई। कहा कि इस खाद में 0.5 से 1.6 फीसद तक नाइट्रोजन, 1.0 तक फीसद फास्फोरस एवं अन्य सूक्ष्म पोसक तत्व भी मौजूद होते हैं। डा. डीके श्रीवास्तव, निखिल सिंह, जेपी शुक्ल आदि रहे।

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