चंदो ताल को अपने दिन बहुरने का इंतजार

1996 में वन विभाग ने ताल को पक्षी विहार घोषित किया था। नवंबर से ही यहां साइबेरियन सहित अन्य विदेशी पक्षियों का आना शुरू हो जाता है। करीब तीन माह के प्रवास के बाद फरवरी व मार्च में वह वापस अपने देश लौट जाते हैं। ताल शरद ऋतु में विदेशी पक्षियों से भरा रहता है।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 26 Sep 2021 11:44 PM (IST) Updated:Sun, 26 Sep 2021 11:44 PM (IST)
चंदो ताल को अपने दिन बहुरने का इंतजार
चंदो ताल को अपने दिन बहुरने का इंतजार

बस्ती: प्रवासी पक्षियों की मेजबानी के लिए मशहूर चंदो ताल के दिन अब तक नहीं बहुरे। वर्ष 2015 से लगातार इसके पर्यटन विकास का प्रस्ताव बनाकर शासन को भेजा जा रहा है, मगर वित्तीय स्वीकृति नहीं मिल पा रही है। इस वर्ष भी 3.13 करोड़ रुपये का प्रस्ताव भेजा गया है।

जनपद मुख्यालय से आठ किलोमीटर दूर यह ताल वन विभाग के कप्तानगंज रेंज के पोखरनी ग्राम पंचायत में स्थित है। यह 730.85 हेक्टेयर में फैला है। समय के साथ साथ ताल का स्वरूप सिमटता जा रहा है। सिल्ट व जलकुंभी के चलते गहराई कम होती जा रही है। 10 साल पहले इसको नेशनल वेटलैंड की सूची में केंद्र सरकार ने शामिल किया था। इसे बचाने के लिए छिटपुट प्रयास किए गए मगर जलकुंभी व सिल्ट निकालने का कोई इंतजाम नहीं किया गया।

1996 में वन विभाग ने ताल को पक्षी विहार घोषित किया था। नवंबर से ही यहां साइबेरियन सहित अन्य विदेशी पक्षियों का आना शुरू हो जाता है। करीब तीन माह के प्रवास के बाद फरवरी व मार्च में वह वापस अपने देश लौट जाते हैं। ताल शरद ऋतु में विदेशी पक्षियों से भरा रहता है। वन क्षेत्राधिकारी कप्तानगंज सूर्य नाथ यादव ने बताया कि ताल में साइबेरियन पक्षी लालसर, बतख, टिकिया, सिलही, आस्ट्रेलियन पक्षी ओपेन बिल स्टार्क आदि बड़ी संख्या में आते हैं। इनके अलावा श्रीलंका व म्यामार से विजन, विस्लिग डक,दक्षिण अफ्रीका से मेलर्ड और गैंडाल, पेल्किन आदि पक्षी भी आते हैं। बारिश ने मिटाई चंदो ताल की प्यास

लगातार कई वर्षों से बारिश कम होने से चंदो ताल की प्यास बढ़ती ही जा रही थी। इस बार अच्छी बारिश से ताल पानी से लबालब भर गया है। ताल मछलियों के लिए भी मशहूर है। दूरदराज के लोग यहां मछलियां पकड़ने आते हैं। ताल में दर्जनों प्रजातियों की मछलियां मिलती हैं। पर्यटन विकास के लिए होने वाले कार्य

-सबसे पहले ताल से जलकुंभी निकलवाई जाएगी।

-ताल के आसपास और बीच में रास्ता बनाया जाएगा।

- सैर के लिए बोट की भी व्यवस्था की जाएगी।

-विदेशी पक्षियों के लिए ताल के बीच में टीले बनाए जाएंगे।

-सिल्ट की सफाई के अलावा ताल की घेराबंदी की जाएगी।

डीएफओ नवीन प्रकाश शाक्य ने बताया कि चंदो ताल को संवारने की पहल की गई है। यहां बहुतायत संख्या में साइबेरियन व अन्य पक्षी शरद ऋतु में आते हैं, ऐसे में इसे पर्यटक स्थल के रूप में विकसित करने के लिए 3.13 करोड़ का प्रस्ताव शासन को भेजा गया है।

chat bot
आपका साथी