गड्ढामुक्त सड़कों का होगा सत्यापन, लगाए गए 14 अधिकारी

सभी अधिकारियों को स्थलीय निरीक्षण कर देनी होगी रिपोर्ट जिले की कई सड़कों के गड्ढा मुक्त होने पर खड़ा हुआ था सवाल

By JagranEdited By: Publish:Mon, 30 Nov 2020 11:11 PM (IST) Updated:Mon, 30 Nov 2020 11:11 PM (IST)
गड्ढामुक्त सड़कों का होगा सत्यापन, लगाए गए 14 अधिकारी
गड्ढामुक्त सड़कों का होगा सत्यापन, लगाए गए 14 अधिकारी

जागरण संवाददाता, बस्ती: जिले की जिन 14 सड़कों को गड्ढामुक्त घोषित किया गया है, उनमें से कई को लेकर उठ रहे सवालों को सीडीओ सरनीत कौर ब्रोका ने गंभीरता से लिया है। उन्होंने गड्ढामुक्त किये गए सड़कों का स्थलीय सत्यापन कराने का निर्णय लेते हुए सत्यापन अधिकारी नियुक्त किये हैं। इन अधिकारियों को मौके पर जाकर सड़क की हालत देख सीडीओ को रिपोर्ट करनी है।

जिला समाज कल्याण अधिकारी को कप्तानगंज-पिपरा मार्ग, बीडीओ परशुरामपुर को लकड़मंडी-मखौड़ा मार्ग, एआर कोआपरेटिव को टिनिच- कप्तानगंज, डीपीओ को बाघानाला-परशुरामपुर, जिला समाज कल्याण अधिकारी (विकास) को भदावल तिनौना-जगदीशपुर खम्हरिया, एई लघु सिचाई को रामजानकी मार्ग के उभाई-संसारीपुर, उपायुक्त उद्योग को पीलीभीत बहराइच-बस्ती मार्ग, जिला खादी ग्रामोद्योग अधिकारी को बस्ती-महुली मार्ग, जिला प्रोबेशन अधिकारी को बस्ती-कांटे मार्ग, डीएसटीओ को जिला अस्पताल से सोनूपार रामपुर देवरिया मार्ग, मुख्य पशुचिकित्साधिकारी को मूड़घाट-पचपेड़वा मार्ग, एक्सईएन आरइडी को देईसांड -बानपुर मार्ग, डीसीओ को उकड़ा भैंसहिया- शंकरपुर मार्ग, एक्सईएन जल निगम को विशुनपुरवा हनुमानगंज-सुरुवार मार्ग का स्थलीय सत्यापन करने का निर्देश दिया गया है।

सीडीओ ने कहा कि चार से 10 दिसंबर के बीच इन अधिकारियों को स्थलीय निरीक्षण कर यह देखने को कहा गया है कि यह मार्ग गड्ढामुक्त हुए हैं या नहीं। यदि मार्ग पर गड्ढे हों और उसके मरम्मत की जरूरत हो तो इसके लिए रिपोर्ट दें। सड़क निर्माण कराए बिना करा लिया लाखों का भुगतान रखौना,बस्ती : सदर विकास खंड के धासीपुरवा व सेमरा गांव में सड़क का निर्माण कराए बिना ही लाखों रुपये का भुगतान करा लिया गया ।

लोकनिर्माण विभाग निर्माण खंड प्रथम विभाग की ओर से अनजुड़ी बसावट योजना के तहत धासीपुरवा व सेमरा गांव को बस्ती-महुली मार्ग से जोड़ने के लिए पक्की सड़क निर्माण कराया जाना था। यह सड़क थरौली अनुसूचित आबादी से होते हुए मुख्य मार्ग से जुड़ती है। कार्यदायी संस्था ने केवल थरौली गांव तक ही मार्ग का निर्माण कराकर लाखों रुपये का भुगतान करा लिया। धरातल पर भले ही निर्माण अधूरा हुआ लेकिन अभिलेख में इसे पूरा दिखा कर धन का बंदरबांट कर लिया गया। भ्रष्टाचार का यह मामला तब उजागर हुआ जब जिम्मेदारों ने सड़क का निर्माण कराए बिना ही शिलापट लगा सड़क का लोकार्पण कर दिया। स्थानीय लोगों ने इसकी शिकायत कई बार विभाग के अधिकारियों से की लेकिन जिम्मेदार मामले को दबाने में लगे रहे।

सहायक अभियंता निर्माण खंड- एक लोनिवि प्रियांक मणि त्रिपाठी ने बताया कि उन्हें अधूरे निर्माण की जानकारी नहीं है। इसकी जानकारी अधिशासी अभियंता ही दे सकते हैं।

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