बेनीपुर मिश्रौलिया के पास मुठभेड़, हत्यारोपित के दाएं पैर में लगी गोली

बस्ती कलवारी थाना क्षेत्र के चमनगंज चरकैला मार्ग पर बुधवार की भोर में बेनीपुर मिश्रौलिया गांव

By JagranEdited By: Publish:Wed, 28 Jul 2021 11:11 PM (IST) Updated:Wed, 28 Jul 2021 11:11 PM (IST)
बेनीपुर मिश्रौलिया के पास मुठभेड़, हत्यारोपित के दाएं पैर में लगी गोली
बेनीपुर मिश्रौलिया के पास मुठभेड़, हत्यारोपित के दाएं पैर में लगी गोली

बस्ती: कलवारी थाना क्षेत्र के चमनगंज चरकैला मार्ग पर बुधवार की भोर में बेनीपुर मिश्रौलिया गांव के पास कलवारी पुलिस और एंटी वेहिकल टीम से हुई मुठभेड़ के दौरान मौसी की हत्या के मामले में वांछित युवक के दाहिने पैर में गोली लगी। वहीं हत्यारोपित की ओर से की गई फायरिग में कलवारी थाने का मुख्य आरक्षी भी घायल हुआ है।

सोमवार की देर रात कलवारी थाने के गोसैसीपुर गांव में धारदार हथियार से महिला की गला रेतकर हत्या करने के मामले में हत्यारोपितों की गिरफ्तारी के लिए कलवारी पुलिस लगी थी। बुधवार की भोर में पुलिस को सूचना मिली कि हत्यारोपित दयाराम उर्फ मोनू चमनगंज चरकैला मार्ग पर मिश्रौलिया से बेनीपुर की तरफ आ रहा है। एसओ कलवारी अरविद कुमार शाही और एंटी वेहिकल टीम प्रभारी गजेंद्र सिंह की संयुक्त टीम ने भोर में साढ़े तीन बजे मिश्रौलिया और बेनीपुर गांव के बीच उसे घेर लिया। अपने को पुलिस से घिरता देख उसने पुलिस टीम पर फायर कर दी। गोली कलवारी थाने के मुख्य आरक्षी रामअचल गौतम के दाहिने हाथ को छूते हुई निकल गई। वहीं पुलिस की ओर से जवाबी फायरिग में दयाराम उर्फ मोनू के दाहिने पैर में गोली लगी। इसके बाद पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया। घायल हत्यारोपित व मुख्य आरक्षी को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बहादुरपुर पहुंचाया गया। वहां से दयाराम उर्फ मोनू को जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया।

थानाध्यक्ष कलवारी अरविद कुमार शाही ने बताया कि मोनू पर भूमि विवाद को लेकर अपने पिता, भाई व सहयोगियों के साथ मौसी की हत्या में शामिल होने का आरोप है। उसके पास से एक कट्टा और दो कारतूस बरामद किया गया है। मामले में अन्य हत्यारोपितों को पुलिस तलाश रही है।

पुलिस के अनुसार हत्यारोपित दयाराम ने पूछताछ के दौरान कबूल किया कि भाई संग मिलकर मौसी कुशलावती को कुल्हाड़ी से मार डाला। मौसेरे भाई अंगद व छोटी मौसी इशलावती को घायल कर दिया। बताया कि मौसी को मारने के लिए तमंचे का उपयोग इसलिए नहीं किया, क्योंकि उन्हें डर था कि फायरिग की आवाज से गांव के लोग इकठ्ठा हो जाएंगे।

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