भागवत कथा कल्पवृक्ष के समान

स्वामी ने कहा कि भागवत कथा ही साक्षात कृष्ण है और जो कृष्ण है वही साक्षात भागवत है। भागवत कथा भक्ति का मार्ग प्रशस्त करती है। एक बार नारद जी ने चारों धाम की यात्रा की लेकिन उनके मन को शांति नहीं हुई।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 18 Jun 2021 11:18 PM (IST) Updated:Fri, 18 Jun 2021 11:18 PM (IST)
भागवत कथा कल्पवृक्ष के समान
भागवत कथा कल्पवृक्ष के समान

बस्ती: श्रीमद्भागवत कथा मनुष्य के समस्त इच्छाओं को पूरा करती है। यह कल्पवृक्ष के समान है। इसके लिए निर्मल भाव से कथा सुनना और सत्य के मार्ग पर चलना चाहिए।

यह बातें स्वामी राघवाचार्य महाराज ने शिव नगर तुरकहिया में भाजपा जिलाध्यक्ष महेश शुक्ल के आवास पर आयोजित सात दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा के दूसरे दिन कही। स्वामी ने कहा कि भागवत कथा ही साक्षात कृष्ण है और जो कृष्ण है, वही साक्षात भागवत है। भागवत कथा भक्ति का मार्ग प्रशस्त करती है। एक बार नारद जी ने चारों धाम की यात्रा की, लेकिन उनके मन को शांति नहीं हुई। नारद जी वृंदावन धाम की ओर जा रहे थे, तभी उन्होंने देखा कि एक सुंदर युवती की गोद में दो बुजुर्ग लेटे थे, जो अचेत थे। युवती बोली महाराज मेरा नाम भक्ति है। यह दोनों मेरे पुत्र हैं, जिनके नाम ज्ञान और वैराग्य है। यह वृंदावन में दर्शन करने जा रहे थे, लेकिन बृज में प्रवेश करते ही यह दोनों अचेत होने के बाद बूढे़ हो गए। आप इन्हें जगा दीजिए। इसके बाद देवर्षि नारदजी ने चारों वेद, छहों शास्त्र और 18 पुराण व गीता पाठ भी सुना दिया, लेकिन वह नहीं जागे। नारद ने यह समस्या मुनियों के समक्ष रखी। ज्ञान, वैराग्य को जगाने का उपाय पूछा। मुनियों के बताने पर नारदजी ने हरिद्वार धाम में आनंद नामक तट पर भागवत कथा का आयोजन किया। मुनि कथा व्यास और नारदजी मुख्य परीक्षित बने। इससे ज्ञान और वैराग्य प्रथम दिवस की ही कथा सुनकर जाग गए। सांसद हरीश द्विवेदी, क्षेत्रीय मंत्री पीएन पाठक, विनोद शुक्ल, रविन्द्र गौतम, प्रत्युष विक्रम सिंह, अरविद श्रीवास्तव, आरके पांडेय, सुधाकर पांडेय, ब्रह्मानंद शुक्ल, अखंड प्रताप सिंह आदि मौजूद रहे।

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