सरकारी धन के दुरुपयोग की कहानी बयां कर रहा पड़री गांव
आठ साल में भी वाटर हेड टैंक का निर्माण नहीं हो पाया पूरा सामुदायिक शौचालय के निर्माण में भी अनियमितताउखड़ने लगी टाइल्स
जागरण संवाददाता, भानपुर, बस्ती: सरकार द्वारा गांवों के विकास के लिए तमाम योजनाएं चलाई जा रही हैं, मगर अब भी जरूरतमंदों को योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है। जिम्मेदारों द्वारा योजनाओं के लिए मिले धन का उपयोग मनमाने तौर पर किया जा रहा है। सल्टौआ गोपालपुर विकास खंड का पड़री पांडेय ग्राम पंचायत सरकारी धन के दुरुपयोग का जीता जागता उदाहरण है।
इस ग्राम पंचायत में पड़री के अलावा सेखापुर, महनुआ व महुआ डाबर गांव शामिल हैं। गांव में कुल लगभग 400 घर हैं जिनमें लगभग 2500 लोग निवास करते हैं। सरकारी धन के दुरुपयोग का पहला उदाहरण है, पड़री का अधूरा वाटर हेड टैंक। पेयजल उपलब्ध कराने के लिए ग्राम पंचायत द्वारा आठ साल पूर्व इसका निर्माण कार्य शुरू कराया गया था, जो आज तक पूरा नहीं हो सका। सचिव व प्रधान द्वारा धन का बंदरबांट कर लिया गया। दुरुपयोग का दूसरा उदाहरण है महनुआ के सेमरहना में बनाया गया सामुदायिक शौचालय। जिम्मेदारों द्वारा इसे महनुआ के सेमरहना पुरवे पर ऐसी जगह बनवा दिया गया, जहां मात्र 15 परिवार ही रहते हैं। निर्माण का कार्य पूरा नहीं हो सका है। इसमें लगी टाइल्स व टोटियां बिना चालू हुए टूटने लगीं हैं। अभी तक बिजली व पानी की भी व्यवस्था नहीं हो सकी है। लोगों को व्यक्तिगत शौचालय की सुविधा अब तक उपलब्ध नहीं कराई गई जिसके कारण सोनहा-शिवाघाट मार्ग व पड़री से महनुआ विद्यालय तक की पटरियों का प्रयोग शौचालय स्थल के रूप में किया जा रहा है। पड़री की सुभावती पत्नी झगरू, चंचला पत्नी मुन्नू, राम तौल पुत्र बुधिराम, सेखापुर के बाबुल्लाह समेत लगभग चार दर्जन परिवारों को अभी तक आवास व व्यक्तिगत शौचालय नसीब नहीं हुआ है। जलनिकासी की व्यवस्था न होने के कारण पड़री में बेदी पुत्र रमई के घर के पास व सेखापुर में मुख्य मार्ग पर ही पानी भरा रहता है। सेखापुर में धनई पुत्र अलीरजा के घर के समीप लगे हैंडपंप को जल निकासी की व्यवस्था न होने के कारण ग्रामीणों ने इसका उपयोग बंद कर दिया है। गांव के बीचो बीच सड़क किनारे गोबर का ढेर व कूड़ा करकट जमा होने से संक्रामक बीमारियों के फैलने का डर रहता है। सेमरहना की कालमती ने बताया कि उन्हें पेंशन नहीं मिल रही है। पड़री में कूप मरम्मत के नाम पर दोयम ईंट का प्रयोग होता गया। इसी गांव के कंचन पुत्र सोमई का शौचालय अभी तक अधूरा है। वैसे तो धनई को ग्राम प्रधान चुना गया है, लेकिन कामकाज उनके पुत्र राजकुमार द्वारा देखा जाता है। उनके द्वारा बताया गया कि पिछले कार्यकाल में सिर्फ 8-10 शौचालय ही आया था। 100 लोगों को विभिन्न पेंशन योजनाओं का लाभ मिल रहा है। अभी भी लगभग 100 लोगों को पेंशन की व 50 लोगों को आवास की जरूरत है।
जिला विकास अधिकारी व ब्लाक के प्रभारी बीडीओ अजीत कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि वाटर हेड टैंक अधूरा होने और सामुदायिक शौचालय निर्माण में अनियमितता की जांच कराई जाएगी। ग्राम पंचायत में सरकारी योजनाओं का लाभ हर पात्र को मिलेगा।