स्मृतियों में सिमटी सुंदरता, शहीद यूपी सिंह पक्षी विहार उपेक्षा का शिकार

देख-रेख के अभाव में सूख गए वाटिकाओं में लगाए गए पौधे चंदो ताल की सुरक्षा के लिए बनवाए गए वाच टावर भी बदहाल

By JagranEdited By: Publish:Wed, 20 Oct 2021 11:15 PM (IST) Updated:Wed, 20 Oct 2021 11:15 PM (IST)
स्मृतियों में सिमटी सुंदरता, शहीद यूपी सिंह पक्षी विहार उपेक्षा का शिकार
स्मृतियों में सिमटी सुंदरता, शहीद यूपी सिंह पक्षी विहार उपेक्षा का शिकार

जागरण संवाददाता, बस्ती : शहर से 10 किलोमीटर दूर प्राचीन ताल चंदो ताल के किनारे स्थित शहीद उदय प्रताप सिंह पक्षी विहार उपेक्षा का शिकार है। इसकी सुंदरता अब सिर्फ स्मृतियों में ही सिमटकर रह गई है। तीन करोड़ रुपये से अधिक की लागत से बनवाए गए इस पक्षी विहार में विभिन्न वाटिकाएं स्थापित की गई थी। इनमें नक्षत्र वाटिका, कुरानी वृक्ष वाटिका, तीर्थंकर वाटिका, बुद्ध वाटिका और हरिशंकर वाटिका शामिल है। देखभाल के अभाव में वाटिकाओं में लगाए गए पौधे कब के सूख चुके हैं। ताल की सुरक्षा के लिए बनवाए गए तीन वाच टावर भी बदहाल हैं। वाटिकाओं के किनारे बनाए गए रास्तों पर काई जमी है।

कप्तानगंज रेंज में 730.85 हेक्टेयर में फैले चंदोताल से सटे शहीद उदय प्रताप सिंह पक्षी विहार की स्थापना तत्कालीन आयुक्त विनोद शंकर चौबे की अगुवाई में पांच जून 2001 को की गई थी। इसमें रेस्ट हाउस, हट व विभिन्न नाम से वाटिकाएं स्थापित की गई थी। इन वाटिकाओं में बरगद, पीपल, छितवन, साखू, चीड़, प्रियंगु, शिरीष, बहेड़ा, बेल, तेंदू, कदंब, कैथा, आम, अशोक, चंपा, मौलश्री, जंबू, देवदार, बांस, साल, खजूर, अंगूर, जैतून, अंजीर, पीलू, मेहंदी, बेरी, बबूल, पाकड़, आंवला सहित विभिन्न प्रकार के पेड़-पौधे शामिल हैं। वाटिकाओं में लगाए गए पौधे देखभाल के अभाव में सूख कर नष्ट हो गए हैं। क्यारियों में पौधों की सुरक्षा के लिए लगाए गए पिलर भी टूट गए हैं। गुलाब वाटिका में नाम मात्र के एक ही रंग के गुलाब बचे हैं। चंदो ताल की सुरक्षा के लिए पक्षी विहार में तीन वाच टावर भी बनाए गए थे। इन पर बैठकर वन रक्षकों को ताल की निगरानी करनी थी, मगर बदहाल वाच टावर पर अब वन रक्षक भी बैठने से कतराते हैं। चंदो ताल और शहीद उदय प्रताप सिंह पक्षी विहार के लिए शासन से बजट की मांग की गई है। सांसद और विधायक भी बजट उपलब्ध कराने के लिए लगे हुए हैं, मगर अभी तक शासन से कोई बजट स्वीकृत नहीं हुआ। नवीन प्रकाश शाक्य, डीएफओ

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