बसौका गांव में सुविधाएं नहीं, योजनाओं से वंचित ग्रामीण

अतिक्रमण के चलते बसौका गांव में स्थित तालाब के अस्तित्व पर मंडरा रहा संकट

By JagranEdited By: Publish:Mon, 22 Nov 2021 12:16 AM (IST) Updated:Mon, 22 Nov 2021 12:16 AM (IST)
बसौका गांव में सुविधाएं नहीं, योजनाओं से वंचित ग्रामीण
बसौका गांव में सुविधाएं नहीं, योजनाओं से वंचित ग्रामीण

जागरण संवाददाता, सल्टौआ, भानपुर, बस्ती : सल्टौआ गोपालपुर विकास खंड का ग्राम पंचायत बसौका मूलभूत सुविधाओं से वंचित है। जिम्मेदारों की लापरवाही से योजनाएं गांव में पहुंचने के पहले ही दम तोड़ दे रही हैं। यह सच जागरण की पड़ताल में उजागर हुआ। यहां के लोगों से गांव की समस्या पर चर्चा हुई तो उनका दर्द छलक आया।

ग्रामीण स्वास्थ्य, शौचालय, पेंशन, पेयजल, रास्ता, जलनिकासी, साफ सफाई, विद्यालय सहित गांव के विकास कार्यों पर जिम्मेदारों को कोसते नजर आए। ब्लाक मुख्यालय से करीब सात किमी दूर यह ग्राम पंचायत दो पुरवे में बसा है। पड़रिया चेत सिंह में 869 व बसौका में 926 की आबादी है। बसौका गांव के मध्य तालाब स्थित है। उपेक्षा के चलते गंदगी व अतिक्रमण से इसके अस्तित्व पर संकट मंडरा रहा है। थोड़ी ही दूर पर एक प्राचीन कुआं है। जो खुला है, सुरक्षा का कोई प्रबंध नहीं किया गया है। जलजमाव व खुली नाली से उठ रहे दुर्गंध से लोग परेशान रहे। उनमें संक्रामक बीमारियों का भय बना रहता है। विद्युत पोल से लटक रहे तार भी लापरवाही की कहानी बयां कर रहे हैं। पड़रिया चेत सिंह पुरवे में सड़क किनारे सामुदायिक शौचालय निर्माणाधीन है। इसी पुरवे पर प्राथमिक विद्यालय व 100 मीटर की दूरी पर उच्च प्राथमिक विद्यालय है। दोनों स्कूलों में कायाकल्प योजना का कोई कार्य दिखाई नहीं दिया। प्राथमिक विद्यालय पर सुरक्षा के लिए चहारदीवारी भी नहीं बनी है। प्रधानाध्यापक राजेश कुमार गिरी ने बताया 105 बच्चे पंजीकृत हैं। एक शिक्षामित्र व एक सहायक अध्यापक की तैनाती है। परिसर में बना शौचालय निष्प्रयोज्य है। जिसकी शिकायत विभाग से की गई थी। बच्चों खुले में शौच जा रहे है। कमोवेश यही स्थिति उच्च प्राथमिक विद्यालय की है। जहां 120 बच्चे पंजीकृत हैं। दो अध्यापकों की तैनाती है। सहायक अध्यापक संजय कुमार पाठक ने बताया कि परिसर में लगा हैंडपंप दूषित जल दे रहा है। शौचालय निष्प्रयोज्य है। विद्यालय के बगल खेल मैदान में बड़ा गढ्ढा खोद दिया गया है। उमराखास में वाटर हेड टैंक स्थापित है। अधूरे कार्यो के चलते अभी तक पेयजल आपूर्ति नहीं की जा रही है। गांव में लगे अधिकतर हैंडपंप खराब पड़े है। गांव की जाम नालियां बजबजा रही है। ग्रामीणों का कहना है कि गांव में तैनात सफाई कर्मी कभी कभार ही दिखाई पड़ते है। नियमित सफाई न होने से चहुंओर गंदगी फैली हुई है। 80 वर्षीय कम्मल ने बताया कि वह वृद्धा पेंशन योजना से वंचित है। सुरसती व लालता भी वृद्धा पेंशन योजना के लाभ से वंचित हैं। ग्रामीण राजकुमार , दशरथ,सुग्रीम, दीपेंद्र, रमेश ने कहा कि स्वास्थ्य उपकेंद्र बनवाने के लिए कई बार जनप्रतिनिधियों से मांग की गई लेकिन किसी ने सुधि नहीं लिया।

सहायक विकास अधिकारी पंचायत अरुणेश पाल ने कहा कि समस्याओं को संज्ञान में लेकर व्यवस्था सुधारी जाएगी, जिन ग्रामीणों को योजनाओं को अब तक योजनाओं का लाभ नहीं मिला है उसके कारणों की जांच कराकर कार्रवाई की जाएगी।

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