मांगों की अनदेखी से राइस मिलर्स नाराज, धान की कुटाई न करने का किया एलान

प्रशासन ने दबाव बनाया तो मिलर स्वेछा से सौंप देंगे मिल की चाभी नौ सूत्री मांगों को लेकर आर-पार की लड़ाई के मुड में राइस मिलर्स

By JagranEdited By: Publish:Thu, 21 Oct 2021 11:00 PM (IST) Updated:Thu, 21 Oct 2021 11:00 PM (IST)
मांगों की अनदेखी से राइस मिलर्स नाराज, धान की कुटाई न करने का किया एलान
मांगों की अनदेखी से राइस मिलर्स नाराज, धान की कुटाई न करने का किया एलान

जागरण संवाददाता,साऊंघाट, बस्ती: मांगों की अनदेखी किए जाने से नाराज राइस मिलर्स ने एक नवंबर से शुरू होने वाली धान खरीद की कुटाई का बहिष्कार करने का एलान किया। कहा कि वह न जो जियो टैगिग कराएंगे और न ही मिल का सत्यापन कराएंगे।

यह फैसला गुरुवार को राइस मिलर्स वेलफेयर एसोसिएशन उत्तर प्रदेश की बैठक में लिया गया। बैठक पालीटेक्निक तिराहे पर स्थित एक होटल में हुई। जिलाध्यक्ष जितेन्द्र प्रताप सिंह ने बताया गया राइस मिलरों ने तीन सितंबर को प्रमुख सचिव खाद्य एवं रसद को संबोधित नौ सूत्री ज्ञापन भेजा गया था, जिस पर अभी तक कोई निर्णय नहीं लिया गया हैं।

सिंह ने कहा कि मिलर धान खरीद का बहिष्कार करेंगे। साथ ही न तो जियो टैगिग कराएंगे और न ही मिल का सत्यापन ही करवाएंगे। शासन-प्रशासन ने अगर दबाव बनाया तो मिलर स्वेच्छा से मिल की चाभी आयुक्त एवं जिलाधिकारी को सौंप देगें। कहा कि सभी मिलरों ने एक स्वर से 2021-22 में धान की कुटाई न करने का निर्णय लिया है।

बैंठक की अध्यक्षता प्रदेश अध्यक्ष उमेश चन्द्र मिश्र ने की। कहा कि यूपी में चावल उद्योग कृषि पर आधारित सबसे बड़ा उद्योग हैं,जो रोजगार सृजन में अहम भूमिका निभाता हैं। वर्तमान में चावल उद्योग बदहाली का शिकार है। शासन प्रशासन को चेताया कि अगर चावल उद्योग की समस्याओं का समाधान नहीं किया गया तो आगामी वर्ष 2021-22 में यूपी राइस मिलर्स वेलफेयर एसोसिएशन धान खरीद की कुटाई नहीं कर पाएगा। बैठक में मंडल अध्यक्ष जयेन्द्र प्रताप सिंह, जिलाध्यक्ष जितेन्द्र प्रताप सिंह, राजेश अग्रवाल, संरक्षक राजेश जायसवाल व कोषाध्यक्ष रानू सिंह, मो.आरिफ, रानू सिंह, डिक्कू सिंह, शैलेश चौधरी सहित बस्ती मंडल के समस्त राइस मिलरों ने प्रतिभाग किया।

यह हैं प्रमुख मांगें

मिलर्स से चावल की रिकवरी 67 प्रतिशत से घटाकर 58-60 फीसद की जाए। धान कुटाई में प्रोत्साहन राशि 250 रुपये प्रति क्विंटल किया जाय। होल्डिग चार्ज में मिलर्स को 45 दिन के अंदर चावल जमा करना होता है। नहीं जमा करने पर अर्थदण्ड के रूप में होल्डिग चार्ज लिया जाता हैं। होल्डिग चार्ज की अवधि 45 दिन से बढ़ाकर 75 दिन की जाए। मिलर्स पर सरकारी बकाया अगर रह जाता हैं तो मिलर्स से अर्थदंड, होल्डिग चार्ज व सीएमआर पर सरकार ब्याज लेती हैं जिसे बंद किया जाय। कहा कि धान एवं चावल का परिवहन मिलर्स से ही कराया जाय। क्रय केन्द्र से कई बार मिलर्स को,जो धान भेजा जाता हैं उसकी मात्रा कम रहती हैं। मिलर्स को आनलाइन धान रिजेक्ट करने का अधिकार दिया जाय। धान प्राप्ति में मिलर्स के डिजिटल सिग्नेचर की व्यवस्था की जाय। मिलर्स से नमी के बदले में चावल लिया जाता रहा है, इस व्यवस्था को पुन: लागू किया जाय। कहा कि चावल की लाट डिपो पर पहुंचने पर 24 घंटे के अंदर अनलोड हो जाय, अन्यथा कि दशा में तीन हजार रुपये प्रतिदिन के हिसाब से हाल्टेज प्रदान किया जाय।

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