कदम-कदम पर बदहाली, मूलभूत सुविधाएं नहीं
शोपीस साबित हो रहा वाटर हेड टैंक ठेका पर बनवाए गए शौचालय हो गए निष्प्रयोज्य
जागरण संवाददाता,भानपुर, बस्ती: रामनगर विकास खंड के नरखोरिया गांव के लोगों को कदम-कदम पर बदहाली का दंश झेलना पड़ रहा है। गांवों के विकास के लिए सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं को जिम्मेदारों द्वारा पलीता लगाया जा रहा है। जरूरतमंद आवास, शौचालय, पेयजल व संपर्क मार्ग के लिए तरस रहे हैं।
गांव की आबादी लगभग पांच हजार है। लोगों को पेयजल उपलब्ध कराने के लिए वाटर हेड टैंक का निर्माण कराया गया है। लोगों के घरों पर टोटियां भी लगा दी गई हैं। लेकिन साल भर से पेयजल आपूर्ति ठप है। गांव में लगे इंडिया मार्का हैंडपंपों में से अधिकतर खराब पड़े हैं। रमेश व शेषराम के घर के समीप लगे हैंडपंप पिछले दो साल से खराब हैं। मैनिहवा में जगदीश चौधरी के घर पर लगे हैंडपंप का चबूतरा क्षतिग्रस्त हो गया है। गांव के कल्लू, गुड़िया, चतुर्भुजी, इंद्रजीत आदि ने बताया कि बरसात में गांव के चारों तरफ पानी भरा रहता है, जिसके चलते हैंडपंपों का पानी प्रदूषित हो गया है। वाटर हेड टैंक से भी पेयजल की आपूर्ति नहीं हो पा रही है। ग्रामीणों ने बताया कि कई बार उनके द्वारा चंदा लगाकर हैंडपंपों की मरम्मत कराई गई है। सोख्ता न बनवाए जाने के कारण लोगों के हैंडपंपों का पानी या तो सड़क पर भरा रहता है या घरों के पास जमा रहता है। गांव के सभी संपर्क मार्गों पर बरसात में पानी भरा रहता है। स्वच्छ भारत मिशन के तहत बने शौचालय माह दो माह में ही खराब हो गए। चतुर्भुजी यादव, इंद्रजीत, पलटू, भैरव सोनी, रामदीन जायसवाल आदि ने बताया कि शौचालय निर्माण के लिए लाभार्थियों को धन न देकर प्रधान व सचिव ने स्वयं निर्माण कराया था। किसी का दरवाजा टूट गया तो किसी का छत ही जर्जर हो गया है।
सुधा का खपरैल मकान गिर गया है। इन्हें अभी तक आवास का लाभ नहीं मिल सका है। पन्नी तानकर गुजारा करना पड़ रहा है। यही हाल चंद्रावती व सोमना का भी है। उन्हें दूसरे के घर पर आसरा लेना पड़ा है। मोटरा देवी जान जोखिम में डालकर जर्जर खपरैल में रहती हैं। मकान का पिछला हिस्सा गिर चुका है। पूजा देवी अपने तीन बच्चों के साथ झोपड़ी में रहने को मजबूर हैं। गुड़िया के घर के दरवाजे तक तालाब का पानी उफनाकर पहुंच गया है। सोनू, राजेश, प्रदीप टिन शेड व रामरती, दिव्या राव, रिकी, आरती को भी छत नसीब नहीं हुआ है। गांव में जलनिकासी की बड़ी समस्या है। नरखोरिया पड़ाव से गांव में जाने वाली सड़क बुरी तरह जर्जर हो गई है। इसी मार्ग पर बीआरसी, कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय, सीडीपीओ कार्यालय समेत कई शिक्षण संस्थान हैं। इस मार्ग के साथ ही अन्य मुख्य रास्तों पर पानी भरा रहता है। नरखोरिया में जहां नाली का निर्माण हुआ भी है, वहां सफाई नहीं हो पा रही है। ग्राम प्रधान जितेंद्र मोदनवाल ने बताया कि गांव में सिर्फ एक सफाईकर्मी तैनात है। इसलिए सफाई में दिक्कत हो रही है। शौचालयों का निर्माण उनके कार्यकाल में नहीं कराया गया है। प्रभारी खंड विकास अधिकारी मोहम्मद शादुल्लाह ने बताया कि शौचालय निर्माण में हुई गड़बड़ी की जांच कराई जाएगी व पात्रों को सर्वे कराकर आवास दिया जाएगा।