सांस्कृतिक कार्यक्रमों के बीच मनाई गई आचार्य रामचंद्र की जयंती

आचार्य शुक्ल ने देश में बस्ती का नाम रोशन किया महेश हिदी साहित्य के समालोचक थे आचार्य शुक्ल रवि सोनकर

By JagranEdited By: Publish:Thu, 21 Oct 2021 11:02 PM (IST) Updated:Thu, 21 Oct 2021 11:02 PM (IST)
सांस्कृतिक कार्यक्रमों के बीच मनाई गई आचार्य रामचंद्र की जयंती
सांस्कृतिक कार्यक्रमों के बीच मनाई गई आचार्य रामचंद्र की जयंती

जागरण संवाददाता, कलवारी, बस्ती: हिदी साहित्य के समालोचक आचार्य रामचंद्र शुक्ल की 137वीं जयंती गुरुवार को उनके पैतृक गांव अगौना में सांस्कृतिक कार्यक्रमों के बीच मनाई गई। इस दौरान छात्राओं ने रंगारंग कार्यक्रम प्रस्तुत किए तो कवियों ने अपनी रचनाओं के माध्यम से आचार्य शुक्ल के योगदान की चर्चा की।

आचार्य रामचंद्र शुक्ल बालिका इंटर कालेज अगौना में आयोजित कार्यक्रम में मुख्य अतिथि भाजपा जिलाध्यक्ष महेश शुक्ला एवं विशिष्ट अतिथि क्षेत्रीय विधायक रवि सोनकर ने आचार्य शुक्ल की प्रतिमा पर माल्यार्पण व दीप प्रज्जवलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया।

भाजपा जिलाध्यक्ष ने कहा कि आचार्य शुक्ल ने हिदी साहित्य में अगौना का ही नहीं अपितु देश में बस्ती जिले का नाम रोशन किया है। ऐसे महापुरुष की साहित्यिक रचनाएं हम लोगों के लिए प्रेरणा स्त्रोत हैं। विधायक ने कहा कि आचार्य शुक्ल को हिदी साहित्य का समालोचक बताते हुए कहा कि युवा वर्ग को उनके साहित्य का अध्ययन करने को कहा।

विद्यालय के प्रबंधक डॉ. केपी मिश्र, प्रमोद मिश्र व विनोद मिश्र ने अतिथियों को माला पहनाकर एवं बैच लगाकर स्वागत किया। उन्हें अंगवस्त्र देकर सम्मानित भी किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता राम नरेश सिंह मंजुल व संचालन राम कृष्ण लाल जगमग ने किया। वहीं इंटर कालेज की छात्रा रोशनी व सुषमा ने मां सरस्वती की वंदना, दिव्या, दिव्यारानी, संजना, महिमा ने स्वागत गीत, संजना, रूबी, आंचल, तहरुन व शांती ने राष्ट्रीय गीत, प्रीती और खुशबू ने भक्ति गीत प्रस्तुत किया। रोशनी पांडेय, सोनल उपाध्याय, इकरा खातून, रागिनी पांडेय, उषा यादव, सुधा उपाध्याय ने भी रंगारंग कार्यक्रम प्रस्तुत किया।

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कवियों ने रचनाएं प्रस्तुत कर वाहवाही लूटी

आचार्य शुक्ल की जयंती पर कवियों ने अपनी रचनाएं प्रस्तुत कर दर्शकों की वाहवाही लूटी। डॉ. रामनरेश सिंह मंजुल, सतीश आर्य गोंडा, डॉ बुद्धिनाथ, अशोक टाटंबरी अयोध्या, राम कृष्ण लाल जगमग, शिवा त्रिपाठी ने अपनी कविताओं के माध्यम कभी हंसाया तो कभी चेहरे का भाव बदल दिया। कवियों ने अपनी रचनाओं से आचार्य शुक्ल के महत्व को भी दर्शाया।

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कार्यक्रम में इनकी रही मौजूदगी

कार्यक्रम में मुख्य रूप से योगेंद्र सिंह, शैलेंद्र दूबे, अनिल भारती, मोहंती दूबे, अवध नारायण मिश्र, डॉ. हरेंद्र प्रताप सिंह, प्रेमप्रकाश चौधरी, रणबहादुर सिंह, रामगोपाल सिंह, सुनील अग्रहरि, रामअशीष दूबे, विजय सिंह, संतोष पांडेय, नंदिनी मिश्रा, प्रमिला सिंह, राजेश्वरी त्रिपाठी, सुशीला पाठक, अख्तर जहां, प्रतिभा, अनीता गुप्ता, सपना पांडेय, निधि उपाध्याय, पतरु सिंह, यज्ञदेव पांडेय, राजेश चौधरी, महेंद्र कुमार आदि मौजूद रहे।

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