कालानमक की खुशबू से महक रहा बहादुरपुर

बस्ती के किसानों की पसंद बन रही कालानमक धान की नई प्रजाति

By JagranEdited By: Publish:Sat, 31 Oct 2020 07:55 AM (IST) Updated:Sat, 31 Oct 2020 07:55 AM (IST)
कालानमक की खुशबू से महक रहा बहादुरपुर
कालानमक की खुशबू से महक रहा बहादुरपुर

जागरण संवाददाता, रखौना, बस्ती : तराई क्षेत्र के सोना कहे जाने वाले कालानमक धान की खुशबू अब बस्ती जिले के विभिन्न क्षेत्रों में फैल गई है। किसान अपनी मेहनत व रुचि के बदौलत सामान्य भूमि पर भी काला नमक की नई प्रजाति की खेती कर नजीर बन गए हैं।

बहादुरपुर की धरा इन दिनों काला नमक की खुशबू से महक रहा है। इससे किसान गदगद हैं। किवदंतिया हैं कि भगवान बुद्ध ने काला नमक धान को अपने प्रसाद के रूप में भिक्षुओं को दिया था। सिद्धार्थनगर में इसकी खेती का पुराना चलन है। अब काला नमक धान के प्रति बस्ती के किसान भी दिलचस्पी दिखा रहे हैं। वैज्ञानिकों ने धान के काला नमक प्रजाति को फिर से जिदा करते हुए मंसूरी प्रजाति के बराबर उत्पादन देने वाली बावनी प्रजाति को विकसित किया। यह बस्ती के किसानों की पसंद बन रही है। जिले में करीब चार हजार हेक्टेयर क्षेत्रफल में काला नमक की फसल लहलहा रही है। सिद्धार्थनगर जनपद तक सीमित रही यह खेती अब बस्ती क्षेत्र में तेजी से फैल रही है। पुरानी प्रजाति में उत्पादन कम व डंठल बड़ा होने से किसान इसकी खेती से परहेज करते थे, लेकिन नई प्रजाति में उत्पादन अधिक होने के दावे से उनकी रुचि बढ़ी है। प्रति हेक्टेयर में 45 से 50 क्विंटल धान का उत्पादन हो सकता है। सदर तहसील के मेहनौना, गाना, भेलवल, धौरहरा समेत कई गांवों में काला नमक धान की खेती हो रही है। कृषि विज्ञान केंद्र बंजरिया के वैज्ञानिक डा. आरवी सिंह ने बताया कि धान की बालियां निकल गईं हैं। खूबसूरती के साथ अपनी महक फैला रही हैं। जुलाई के अंतिम सप्ताह में इसकी रोपाई हो तो उत्पादन व सुगंध अच्छा मिलता है।

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सिद्धार्थनगर के बाद काला धान की खेती में बस्ती के किसानों की रुचि बढ़ी है। नई प्रजातियों के आने से उत्पादन क्षमता में भी वृद्धि हो गई है। यह किसानों के आय बढ़ाने में मददगार साबित हो रही है।

संजेश कुमार श्रीवास्तव, जिला कृषि अधिकारी, बस्ती

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