अव्यवस्था के कारण पशुशाला में मर रहे पशु
जिले के पशु आश्रय केंद्र बेसहारा पशुओं के लिए मौत व बीमारी का कारण बन गए हैं। यहां न तो पशुओं को रखने की उचित व्यवस्था है और न ही कायदे से चारा व भूसा का इंतजाम। सुरक्षा भी खतरे में रहती है। यह जमीनी हकीकत है सल्टौआ क्षेत्र के पशु आश्रय स्थल बांसापार व अगया की।
बस्ती: जिले के पशु आश्रय केंद्र बेसहारा पशुओं के लिए मौत व बीमारी का कारण बन गए हैं। यहां न तो पशुओं को रखने की उचित व्यवस्था है और न ही कायदे से चारा व भूसा का इंतजाम। सुरक्षा भी खतरे में रहती है। यह जमीनी हकीकत है सल्टौआ क्षेत्र के पशु आश्रय स्थल बांसापार व अगया की।
इन दोनों जगहों पर न तो पशुओं के चारा पानी व नहलाने की व्यवस्था है और न ही प्रकाश की। बांसापार पशु शाला में शाम की पाली में दो सफाई कर्मी शुकदेव व राधेश्याम मिले। छोटी सी जगह में 18 गोवंशीय रखे गए हैं। इनमें दो बीमार हैं। एक तो मरणासन्न अवस्था में है। दूसरे की भी हालत ऐसी थी कि कभी भी जमीन पकड़ सकता है। यहां पशुओं को नहलाने की कोई व्यवस्था नहीं है। पानी के लिए एक देसी नल है। सूखा भूसा दो क्विंटल रखा है। हरा चारा व दाने का कोई इंतजाम नहीं है। पशु आश्रय स्थल अगया में मिले सफाई कर्मी सुरजीत व राजू प्रसाद गोशाला में मौजूद थे। यहां 21 पशुओं में से एक बीमारी के कारण जमीन पर गिरा पड़ा था। भूसा घर अधूरा होने की वजह से सारा भूसा प्रधान के घर पर रखा है। वहीं से सुबह पशुओं को खिलाने के लिए आता है। पशुओं को नहलाने के लिए यहां भी कोई व्यवस्था नहीं है। सबसे खास बात यह है आश्रय स्थल में पशुओं के आराम करने लायक कोई जगह नहीं है।