इंद्रमणि के संयुक्त राष्ट्र में राजदूत बनने से बस्ती में खुशी का माहौल
इनका गांव और घर से गहरा लगाव है।
बस्ती: आइएफएस इंद्र मणि पांडेय के संयुक्त राष्ट्र संघ जेनेवा में भारत के राजदूत और स्थायी प्रतिनिधि बनाए जाने से बस्ती जिले का नाम एक बार फिर विश्व पटल पर सुर्खियों में आ गया है। वह वर्ष 1990 में आइएफएस बने। वह मूलत: तब बस्ती अब संतकबीर नगर जिले के भिटिनी गांव के रहने वाले हैं।
विदेश मंत्रालय में निशस्त्रीकरण और अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा के प्रभारी इंद्रमणि पांडेय भारत में ही पिछले दो साल से कार्यरत हैं। इससे पहले वह ओमान में बतौर भारत के राजदूत कार्यरत रहे। वह अफगानिस्तान,पाकिस्तान, सीरिया और मिश्र जैसे राष्ट्र में भारतीय दूतावास में विभिन्न पदों पर सफलतापूर्वक कार्य कर चुके हैं। वह गंवागझाउ, चीन में भारत के वाणिज्य दूत और पेरिस में उप राजदूत भी रह चुके हैं ।
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर निशस्त्रीकरण ,सुरक्षा और आतंकवाद जैसे मुद्दों पर इनकी प्रतिभा का लोग लोहा मानते हैं। संप्रग के बाद वह केंद्र की मोदी सरकार के भी पसंदीदा अफसर बन गए हैं। इंद्रमणि पांडेय की एक बेटी है देवांगी। वर्तमान में वह न्यूयार्क विश्व विद्यालय से स्नातक की पढ़ाई कर रही है। इनकी पत्नी सुषमा पांडेय लेडी श्रीराम कॉलेज से अंग्रेजी से परास्नातक हैं।
इंद्रमणि पांडेय ने इंटर तक की शिक्षा बस्ती जिले से ही ग्रहण की है। वह दिल्ली में तैनाती के दौरान हर तीसरे और चौथे महीने में बस्ती आया करते थे। बीते अक्टूबर में वह यहां आवास विकास कालोनी में अपने भाई के घर आए थे और गांव भी गए थे। मार्च में आने वाले थे लेकिन लॉकडाउन के चलते नहीं आए।