परियोजना 9.24 करोड़ की, नहीं मिली फूटी कौड़ी
चालू वित्तीय वर्ष में अनुदान के नाम पर नहीं मिली रकम भुगतान के लिए भटक रहे हैं उपकरण खरीद चुके किसान
जागरण संवाददाता, बस्ती : किसानों को टपक (ड्रिप) और छिड़काव (स्प्रिंकलर) सिचाई की सुविधा देने में इस बार उद्यान विभाग फिसड्डी साबित हुआ है। चालू वित्तीय वर्ष में यहां दो हजार 65 हेक्टेयर में सिचाई संयंत्र की स्थापना कर किसानों को लाभ पहुंचाने का लक्ष्य है। अभी तक सीमित संख्या के किसान ही अपने खेतों में कृषि संयंत्र स्थापित करा सके हैं। वहीं अनुदान के नाम पर किसी भी किसान को फूटी कौड़ी नहीं मिली है। वजह, शासन से बजट आवंटित न होना बताया जा रहा है।
प्रधानमंत्री कृषि सिचाई योजना (पीएमकेएसवाई) के तहत ड्रिप, स्प्रिंकलर सिचाई यंत्र स्थापित करने के लिए हर साल किसानों को सब्सिडी दी जाती है। लघु एवं सीमांत किसानों के लिए केंद्र सरकार 55 फीसद और राज्य सरकार 45 फीसद अनुदान देती है। लघु एवं सीमांत किसानों को 90 फीसद जबकि अन्य किसानों को 80 फीसद सब्सिडी देने का प्राविधान है। चालू वित्तीय वर्ष में इसके तहत जिले को 9.24 करोड़ रुपये के परियोजना की स्वीकृति मिली है। केंद्र सरकार ने अपना हिस्सा तो दे दिया है, लेकिन प्रदेश से अभी तक अनुदान की रकम नहीं मिली है। बजट के अभाव में इस महत्वाकांक्षी योजना के लाभ से किसान वंचित हैं। पानी की होती है बचत
उद्यान निरीक्षक धर्मेंद्र चंद्र चौधरी ने बताया कि टपक सिचाई पद्धति से पानी की भरपूर बचत होती है। इस विधि से सिचाई करने से फसल बेहतर होती है, उत्पादन बढ़ जाता है। पिछले साल 600 किसानों को लाभ दिया गया था। दो करोड़ 97 लाख रुपये का भुगतान किया गया था। लक्ष्य के अनुसार किसान सिचाई उपकरण की खरीदारी कर रहे हैं। बजट न होने के चलते भुगतान की प्रक्रिया शून्य है। शासन से बजट मिलने पर भुगतान शुरू होगा।
राजेंद्र कुमार यादव, जिला उद्यान अधिकारी