आसरा आवास योजना की पात्रता सूची में 28 अपात्र
विधायक की मांग पर हुई मजिस्ट्रेटी जांच में खुला फर्जीवाड़ा
बस्ती: नगर पंचायत में बने आसरा आवास योजना के आवंटन में फर्जीवाड़ा खुलकर सामने आ गया है। विधायक अजय सिंह के पहल पर कराई गई मजिस्ट्रेटी जांच में सूची में शामिल 37 में से 28 अपात्र पाए गए है। इसमें दो ऐसी महिलाओं के नाम शामिल है जिनके पति नगर पंचायत में ही सफाई कर्मी हैं। कई ऐसे भी लोग हैं जिनके पास पक्का मकान या व्यवसाय है।
हर्रैया नगर पंचायत में ऐसे गरीबों और असहायों के लिए,जिनके पास भूमि या भवन नही है उनको आवास मुहैया कराने के लिए आसरा आवास योजना के तहत एक बेडरूम सभी सुविधाओं से युक्त आवास दिया जाना था। इसके लिए चार मंजिला इमारत बनाई गई। जिसमें कुल चौरासी फ्लैट बने हुए है। दो बार के आवंटन प्रक्रिया में शेष बचे 37 आवासों के आवंटन का प्रमाणपत्र वितरण के लिए 29 जून को आयोजित कार्यक्रम में पहुंचे विधायक अजय सिंह ने कड़ी आपत्ति दर्ज कराई थी। कहा था सूची में बहुतायत नाम अपात्रों के है। उन्होंने वहां मौजूद तत्कालीन एसडीएम प्रेमप्रकाश मीणा को इसकी जांच करने के निर्देश दिए। इसी क्रम में मीणा ने नायब तहसीलदार निखिलेश वर्मा के नेतृत्व में गठित टीम से जांच कराई। जांच रिपोर्ट में नगर पंचायत में तैनात ट्रैक्टर चालक वेद प्रकाश का नाम है तो सफाई कर्मी रामनरेश की पत्नी कुसुमदेवी व पृथ्वीनाथ की पत्नी पूजा गुप्ता का नाम भी मिला। सूची में विकास माने मूल निवासी महाराष्ट्र (जो कस्बे में रहकर सोना व चांदी गलाने का व्यवसाय करता है) और मिहिर विश्वास पुत्र महादेव विश्वास सहित 28 ऐसे लोगों के नाम मिले है जिनके पास या तो भवन व भूखंड है अथवा इनकी आय पात्रता के मानक से छह हजार से कहीं ज्यादा है।
ईओ का प्रभार देख रहे पीसीएस अधिकारी अनुपम मिश्रा ने कहा कि मजिस्ट्रेटी जांच में जो अपात्र मिले है उनको पक्ष प्रस्तुत करने के लिए नोटिस जारी किया जाएगा। सूची में जो नौ पात्र हैं उनको आवास दिया जाएगा।