बरेली के सीएआरआइ में दस राज्यों के युवाओं ने सीखा आय दुगुना करने का हुनर, लिया कुटकुट पालन का प्रशिक्षण
CARI Poultry Farming Training केंद्रीय पक्षी अनुसंधान संस्थान (सीएआरआइ) इज्जतनगर में छह दिवसीय कुक्कुट पालन प्रबंधन पर आनलाइन ट्रेनिंग प्रोग्राम समाप्त हुई। इस आनलाइन प्रशिक्षण कार्यक्रम में देश के दस राज्यों से 21 से 48 वर्ष की आयु के 38 युवाओं व युवतियों तथा पोल्ट्री उद्यमियों ने भाग लिया।
बरेली, जेएनएन। CARI Poultry Farming Training : केंद्रीय पक्षी अनुसंधान संस्थान (सीएआरआइ) इज्जतनगर में छह दिवसीय कुक्कुट पालन प्रबंधन पर आनलाइन ट्रेनिंग प्रोग्राम समाप्त हुई। इस आनलाइन प्रशिक्षण कार्यक्रम में देश के दस राज्यों से 21 से 48 वर्ष की आयु के 38 युवाओं व युवतियों तथा पोल्ट्री उद्यमियों ने भाग लिया।
युवाओं को दिया आय दोगुना करने का प्रशिक्षण
संस्थान के निदेशक डा.अशोक कुमार तिवारी ने प्रशिक्षणार्थियों से बताया कि आनलाइन प्रशिक्षण के बाद अधिक से अधिक लोग तकनीक के जरिए जल्द प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं। अन्य राज्यों के युवाओं की भागीदारी भी बढ़ रही है। कम संसाधन वाले युवा बैकयार्ड पोल्ट्री फार्मिंग के जरिए अपनी आय दोगुना कर सकते हैं। मार्केटिंग के लिए प्रशिक्षणार्थियों को स्वयं सहायता समूह बना कर कार्य करना चाहिए।
युवाओं की जिज्ञासा काे किया शांत, लिया फीडबैक
सभी प्रशिक्षणार्थियों को पोल्ट्री फार्म स्थापित करने के लिए संस्थान से हर संभव सहायता प्रदान करने का आश्वासन दिया। प्रश्नोत्तर सेशन में वैज्ञानिकों ने प्रशिक्षणार्थियों द्वारा पूछे गए विभिन्न कुक्कुट संबंधी प्रश्नों का जवाब दिया। इसी दौरान प्रशिक्षणार्थियों से भी आनलाइन प्रशिक्षण के बारे में फीडबैक लिया गया। कार्यक्रम के अन्त मे डा. एमपी सागर प्रधान वैज्ञानिक व अध्यक्ष तकनीकी प्रसार अनुभाग ने मुख्य अथिति, वैज्ञानिको, कर्मचारियों व प्रशिक्षणार्थियों का आभार व्यक्त किया।
प्रशिक्षण में ये दी गईं जानकारी
इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में प्रशिक्षण में उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, झारखंड, बिहार, दिल्ली, राजस्थान, प.बंगाल, असाम राज्यों से युवा शामिल हुए। संस्थान के वैज्ञानिकों ने कुक्कुट पालन से संबंधित विभिन्न विषयों जैसे - बैकयार्ड मुर्गी पालन, बटेर पालन, टर्की पालन, गिनी फाउल पालन, अंडा व मांस उत्पादन हेतु मुर्गी पालन, पोल्ट्री आवास व्यवस्था, चूजों की देखभाल, मुर्गी दाना तैयार करना, संस्थान में विकसित विभिन्न प्रजातियां, पोल्ट्री वेस्ट से बायोगैस तैयार करना, मुर्गियों के रोग व उनका उपचार तथा टीकाकरण, पोल्ट्री फार्म जैव सुरक्षा, हेचरी प्रबंधन, पोल्ट्री प्रोडक्ट तैयार करना, पोल्ट्री फाइनेंस हेतु योजनाएं।