ओपीडी में सर्जन के इंतजार में दो घंटे मौत से लड़कर युवक हारा जिंदगी की जंग

जिला अस्पताल की इमरजेंसी में पहुंचे एक युवक के हार्निया में दिक्कत थी। इमरजेंसी में मौजूद चिकित्सक ने उसे देखकर ओपीडी में मौजूद डाक्टर को दिखाने की बात कही। युवक अपने पिता के साथ ओपीडी पहुंचा लेकिन वहां बीमारी से संबंधित चिकित्सक मौजूद नहीं थे।

By Ravi MishraEdited By: Publish:Fri, 25 Sep 2020 09:46 PM (IST) Updated:Fri, 25 Sep 2020 09:46 PM (IST)
ओपीडी में सर्जन के इंतजार में दो घंटे मौत से लड़कर युवक हारा जिंदगी की जंग
ओपीडी में सर्जन के इंतजार में दो घंटे मौत से लड़कर युवक हारा जिंदगी की जंग

बरेली, जेएनएन। बरेली के जिला अस्पताल में इलाज कराने के लिए पिता के साथ पहुंचा एक युवक सर्जन के इंतजार में जिंदगी की जंग हार गया। हार्नियां की दिक्कत से जूझ रहे युवक ने ओपीडी में जहां सर्जन के इंतजार में दो घंटे मौत से जिंदगी की जंग लड़ी। डॉक्टर के न आने पर जब परिजन उसे वापस इमरजेंसी में लेे गए तो चिकित्सक ने परीक्षण के उपरांत उसे मृत घोषित कर दिया। घटना के बाद परिजनों ने लापरवाही बरतने का आरोप लगाया है। हालांकि युवक की मौत के बाद परिजनों के बीच कोहराम मचा हुआ है। 

थाना बिथरी चैनपुर क्षेत्र के गांव उड़ला जागीर श्यामनगर निवासी पोशाकी लाल ने बताया कि उनके बड़े बेटे बाबू को हाइड्रोसील की दिक्कत थी। गुरुवार को बीमारी बढ़ने के चलते उसे भयंकर दर्द हुआ। इस पर दर्द की दवा देकर किसी तरह रात काटी। शुक्रवार सुबह ही बेटे बाबू को लेकर जिला अस्पताल आए थे। यहां पर्चा बनवाने के बाद इमरजेंसी गए तो वहां मौजूद चिकित्सक ने ओपीडी में बैठे सर्जन को दिखाने के लिए भेज दिया। जब ओपीडी में आए तो सर्जन के कमरे में कोई नहीं था। बताया गया कि डाक्टर छुट्टी पर हैं, इस पर दूसरे चिकित्सक से बात की तो उन्होंने कहा कि सर्जन ड्यूटी पर हैं और कुछ देर पहले परिसर में ही थे। वह आ रहे होंगे उन्हीं को दिखाओ।

पोशाकी लाल ने बताया कि बेटे के साथ फिर ओपीडी में इंतजार करने लगे। करीब दो घंटे इंतजार के बाद अचानक बेटे को भयंकर दर्द हुआ और वह शांत हो गया। यह देख लोग उसे लेकर इमरजेंसी गए जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। पोशाकी ने आरोप लगाया कि चिकित्सकों की लापरवाही के चलते उनके बेटे की मौत हो गई। बाबू की मौत की सूचना घर पहुंचते ही कोहराम मच गया। सूचना मिलते ही अन्य स्वजन अस्पताल पहुंचे। जिला अस्पताल में तीन सर्जन जिला अस्पताल में इस समय तीन सर्जन तैनात हैं। इनमें दो सीनियर और एक जूनियर डाक्टर हैं। शुक्रवार को एक सीनियर सर्जन और एक जूनियर सर्जन की ड्यूटी होना बताया गया। लेकिन वार्ड में दोनों में से एक भी मौजूद नहीं था। सर्जन न होने के चलते ही बाबू की मौत हो गई।

अब तक मामला संज्ञान में नहीं आया है। स्वजनों की ओर से भी कोई शिकायत नहीं मिली है। हालांकि मामला गंभीर है। दो घंटे तक मरीज को इलाज नहीं दिया गया, जबकि सर्जन की ड्यूटी लगी थी। इसका स्वत: संज्ञान लेकर जिम्मेदार चिकित्सक से जवाब तलब किया जाएगा। संतोषजनक जवाब न मिलने पर कार्रवाई की जाएगी।डा. ए के गौतम, एमएस, जिला अस्पताल

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